फाइल फोटो
अलेप्पो:
सीरिया में असद प्रशासन के प्रमुख साझेदार रूस ने सोमवार को कहा कि वह शहर से विद्रोहियों के पूरी तरह से बाहर निकलने के लिए अमेरिका के साथ बातचीत करेगा, लेकिन विपक्षी धड़ों ने बाहर निकलने से इंकार किया है.
दूसरी तरफ, सेना अलेप्पो में और आगे बढ़ गई है. राष्ट्रपति बशर अल असद के सुरक्षा बलों ने अलेप्पो में नवंबर महीने के मध्य से अभियान शुरू करने के बाद से शहर के दो-तिहाई इलाके को अपने कब्जे में ले लिया है. सेना के तेजी से आगे बढ़ने से विपक्षी लड़ाके घिरते जा रहे हैं. रूसी विदेश मंत्री सर्गई लावारोव ने कहा कि शहर से विद्रोहियों को पूरी तरह से बाहर निकालने के लिए वाशिंगटन के साथ बातचीत करेंगे.
लावारोव ने कहा, ‘रूस-अमेरिका वार्ता के दौरान सभी लड़ाकों के पूर्वी अलेप्पो से बाहर निकलने के लिए रास्ते और समयसीमा के बारे में सहमति बनायी जायेगी.’ यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच जिनेवा में मंगलवार या बुधवार को बातचीत आरंभ हो सकती है.
उधर विद्रोही समूहों ने शहर से बाहर निकलने को लेकर किसी भी तरह की बातचीत से इंकार किया है. नूरूद्दीन अल जिनके धड़े के नेता यासिर अल यूसुफ ने बाहर निकलने के किसी भी प्रस्ताव को ‘अस्वीकार्य’ करार दिया और कहा कि अगर जाना है तो रूस को बाहर जाना चाहिये. रूस असद सरकार का निकट सहयोगी है और उसने पिछले साल दमिश्क का सहयोग करते हुए सैन्य कार्रवाई की शुरुआत की. अलेप्पो के हाथ से निकलने का मतलब यह है कि सीरिया के पांच साल के गृहयुद्ध में विपक्षी बलों की सबसे बड़ी हार होगी.
सेना की कार्रवाई को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हुई है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सात दिन के संघर्ष विराम वाले मसौदा प्रस्ताव को लेकर बुधवार को मतदान होने वाला है, हालांकि लावारोव इस कदम के विरोध में दिखाई दिए. उन्होंने कहा कि मॉस्को प्रस्ताव को रोकने के लिए वीटो कर सकता है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दूसरी तरफ, सेना अलेप्पो में और आगे बढ़ गई है. राष्ट्रपति बशर अल असद के सुरक्षा बलों ने अलेप्पो में नवंबर महीने के मध्य से अभियान शुरू करने के बाद से शहर के दो-तिहाई इलाके को अपने कब्जे में ले लिया है. सेना के तेजी से आगे बढ़ने से विपक्षी लड़ाके घिरते जा रहे हैं. रूसी विदेश मंत्री सर्गई लावारोव ने कहा कि शहर से विद्रोहियों को पूरी तरह से बाहर निकालने के लिए वाशिंगटन के साथ बातचीत करेंगे.
लावारोव ने कहा, ‘रूस-अमेरिका वार्ता के दौरान सभी लड़ाकों के पूर्वी अलेप्पो से बाहर निकलने के लिए रास्ते और समयसीमा के बारे में सहमति बनायी जायेगी.’ यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच जिनेवा में मंगलवार या बुधवार को बातचीत आरंभ हो सकती है.
उधर विद्रोही समूहों ने शहर से बाहर निकलने को लेकर किसी भी तरह की बातचीत से इंकार किया है. नूरूद्दीन अल जिनके धड़े के नेता यासिर अल यूसुफ ने बाहर निकलने के किसी भी प्रस्ताव को ‘अस्वीकार्य’ करार दिया और कहा कि अगर जाना है तो रूस को बाहर जाना चाहिये. रूस असद सरकार का निकट सहयोगी है और उसने पिछले साल दमिश्क का सहयोग करते हुए सैन्य कार्रवाई की शुरुआत की. अलेप्पो के हाथ से निकलने का मतलब यह है कि सीरिया के पांच साल के गृहयुद्ध में विपक्षी बलों की सबसे बड़ी हार होगी.
सेना की कार्रवाई को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हुई है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सात दिन के संघर्ष विराम वाले मसौदा प्रस्ताव को लेकर बुधवार को मतदान होने वाला है, हालांकि लावारोव इस कदम के विरोध में दिखाई दिए. उन्होंने कहा कि मॉस्को प्रस्ताव को रोकने के लिए वीटो कर सकता है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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