हवाना:
क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो ने कहा है कि अब वह महसूस करते हैं कि यह सोचना एक भूल थी कि समाजवाद सभी आर्थिक समस्याएं सुलझा सकता है।
समाचार एजेंसी ईएफई के अनुसार, क्यूबा के सरकारी मीडिया ने शनिवार को कहा है कि कास्त्रो ने यहां दो खण्डों में प्रकाशित संस्मरणों की एक पुस्तक के विमोचन के दौरान यह बात स्वीकारी।
क्यूबा क्रांति के नेता कास्त्रो (85) ने वर्ष 2006 में बीमारी के कारण पद छोड़ दिया था। उन्होंने शुक्रवार को लेखक व पत्रकार केटिउस्का ब्लेंको द्वारा लिखी गई पुस्तक 'गुइरीलेरो डेल टेम्पो' के विमोचन के अवसर पर अतिथियों के साथ छह घंटे चर्चा की।
लगभग 1,000 पृष्ठों वाले इस संस्मरण की शुरुआत कास्त्रो के बचपन की प्रारम्भिक स्मृतियों से हुई है, और अंत दिसम्बर 1958 के गुरिल्ला आंदोलन की जीत की पूर्व संध्या पर हुआ है, जब तानाशाह बतिस्ता को सत्ताच्युत कर दिया गया था।
ब्लेंको ने ही वर्ष 2003 में 'टोडो एल टेम्पो डी लॉस स्रेडोस' (ऑल द डेज ऑफ द सीडार्स) नामक पुस्तक लिखी थी, जोकि कास्त्रो के परिवार का एक अधिकारिक इतिहास है।
कास्त्रो ने इस मुद्दे पर बात की कि यह मानना एक भूल थी कि समाजवाद सभी आर्थिक समस्याओं को सुलझा सकता है। उन्होंने शिक्षा के लिए विद्यार्थियों द्वारा भुगतान किए जाने, और फाकलैंड द्वीप पर विवाद जैसे अंतरराष्ट्रीय मामलों के प्रति अपनी गम्भीर आपत्ति जताई।
गौरतलब है कि अप्रैल 2011 के बाद कास्त्रो की यह पहली सार्वजनिक उपस्थिति थी। 2011 में उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी की 6ठी बैठक के समापन समारोह में हिस्सा लिया था, जहां उनके छोटे भाई राउल कास्त्रो ने उनसे पार्टी प्रमुख की जिम्मेदारी सम्भाली थी।
समाचार एजेंसी ईएफई के अनुसार, क्यूबा के सरकारी मीडिया ने शनिवार को कहा है कि कास्त्रो ने यहां दो खण्डों में प्रकाशित संस्मरणों की एक पुस्तक के विमोचन के दौरान यह बात स्वीकारी।
क्यूबा क्रांति के नेता कास्त्रो (85) ने वर्ष 2006 में बीमारी के कारण पद छोड़ दिया था। उन्होंने शुक्रवार को लेखक व पत्रकार केटिउस्का ब्लेंको द्वारा लिखी गई पुस्तक 'गुइरीलेरो डेल टेम्पो' के विमोचन के अवसर पर अतिथियों के साथ छह घंटे चर्चा की।
लगभग 1,000 पृष्ठों वाले इस संस्मरण की शुरुआत कास्त्रो के बचपन की प्रारम्भिक स्मृतियों से हुई है, और अंत दिसम्बर 1958 के गुरिल्ला आंदोलन की जीत की पूर्व संध्या पर हुआ है, जब तानाशाह बतिस्ता को सत्ताच्युत कर दिया गया था।
ब्लेंको ने ही वर्ष 2003 में 'टोडो एल टेम्पो डी लॉस स्रेडोस' (ऑल द डेज ऑफ द सीडार्स) नामक पुस्तक लिखी थी, जोकि कास्त्रो के परिवार का एक अधिकारिक इतिहास है।
कास्त्रो ने इस मुद्दे पर बात की कि यह मानना एक भूल थी कि समाजवाद सभी आर्थिक समस्याओं को सुलझा सकता है। उन्होंने शिक्षा के लिए विद्यार्थियों द्वारा भुगतान किए जाने, और फाकलैंड द्वीप पर विवाद जैसे अंतरराष्ट्रीय मामलों के प्रति अपनी गम्भीर आपत्ति जताई।
गौरतलब है कि अप्रैल 2011 के बाद कास्त्रो की यह पहली सार्वजनिक उपस्थिति थी। 2011 में उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी की 6ठी बैठक के समापन समारोह में हिस्सा लिया था, जहां उनके छोटे भाई राउल कास्त्रो ने उनसे पार्टी प्रमुख की जिम्मेदारी सम्भाली थी।