लंदन में पीएम मोदी के विरोध में नारे लगाते नेपाली नागरिक
लंदन:
भारत के प्रधानमंत्री लंदन के दौरे पर हैं। उनके ख़िलाफ़ लंदन की सड़कों पर खुल कर नारे लगे लेकिन जिस बात को लेकर भारतीय सुरक्षा सलाहकारों में सबसे ज़्यादा चिंता है वो नारे नेपाली लोग भारत के ख़िलाफ़ लगा रहे थे।
'भारत को अपने काम से काम रखना चाहिए हमारे, अंदरूनी मामलों में दख़ल नहीं देना चाहिए।' ऐसा वो सब लोग कह रहे थे जो पार्लियामेंट स्क्वायर में प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे थे। 'भारत ने जो नाकेबंदी कर रखी है उसे वो जल्द खत्म करे, ये नारे भी लग रहे थे।
एक वरिष्ठ अधिकारी जो प्रधानमंत्री की डेलिगेशन का हिस्सा है, उसने एनडीटीवी इंडिया से कहा, ये चिंता कि बात है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अब भारत के ख़िलाफ़ नारे लग रहे हैं।'
भारत और नेपाल हाल-फ़िलहाल तक काफ़ी अच्छे थे लेकिन अब नेपाल दोस्त की नज़र से चीन की तरफ़ देख रहा है, इसे लेकर भी भारत में काफ़ी चिंता है।
उधर नेपाल में जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति को रोकने के मकसद से नाकेबंदी पर चिंता जाहिर करते हुए संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की मून ने कहा कि सभी पक्ष भारत-नेपाल सीमा पर नाकेबंदी को खत्म करवाएं ताकि नेपाल के मुक्त परिवहन का अधिकार बहाल हो सके।
तीन तरफ से भारत और एक तरफ चीन से घिरा नेपाल तेल, दवाओं और अन्य ज़रूरी सामानों की आपूर्ति के लिए पूरी तरह भारत पर निर्भर है।
नाकेबंदी से पहले नेपाल भारत से रोज़ाना सात लाख मिट्रिक टन रसोई गैस आयात करता था। अधिकारियों का कहना है कि अभी आपूर्ति पूरी तरह ठप है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'खालिस्तानी हमेशा से विरोध करते रहे हैं, इसलिए इसे लेकर ज्यादा चिंतित होने की बात नहीं। लेकिन नेपालियों का विरोध प्रदर्शन हमारे लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इन खालिस्तानियों को भारत विरोधी प्रदर्शन के लिए फंडिंग करता रहा है और भारत ने यह मुद्दा ब्रिटिश सरकार के समक्ष विभिन्न स्तरों पर उठाता भी रहा है।
'भारत को अपने काम से काम रखना चाहिए हमारे, अंदरूनी मामलों में दख़ल नहीं देना चाहिए।' ऐसा वो सब लोग कह रहे थे जो पार्लियामेंट स्क्वायर में प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे थे। 'भारत ने जो नाकेबंदी कर रखी है उसे वो जल्द खत्म करे, ये नारे भी लग रहे थे।
एक वरिष्ठ अधिकारी जो प्रधानमंत्री की डेलिगेशन का हिस्सा है, उसने एनडीटीवी इंडिया से कहा, ये चिंता कि बात है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अब भारत के ख़िलाफ़ नारे लग रहे हैं।'
भारत और नेपाल हाल-फ़िलहाल तक काफ़ी अच्छे थे लेकिन अब नेपाल दोस्त की नज़र से चीन की तरफ़ देख रहा है, इसे लेकर भी भारत में काफ़ी चिंता है।
उधर नेपाल में जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति को रोकने के मकसद से नाकेबंदी पर चिंता जाहिर करते हुए संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की मून ने कहा कि सभी पक्ष भारत-नेपाल सीमा पर नाकेबंदी को खत्म करवाएं ताकि नेपाल के मुक्त परिवहन का अधिकार बहाल हो सके।
तीन तरफ से भारत और एक तरफ चीन से घिरा नेपाल तेल, दवाओं और अन्य ज़रूरी सामानों की आपूर्ति के लिए पूरी तरह भारत पर निर्भर है।
नाकेबंदी से पहले नेपाल भारत से रोज़ाना सात लाख मिट्रिक टन रसोई गैस आयात करता था। अधिकारियों का कहना है कि अभी आपूर्ति पूरी तरह ठप है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'खालिस्तानी हमेशा से विरोध करते रहे हैं, इसलिए इसे लेकर ज्यादा चिंतित होने की बात नहीं। लेकिन नेपालियों का विरोध प्रदर्शन हमारे लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इन खालिस्तानियों को भारत विरोधी प्रदर्शन के लिए फंडिंग करता रहा है और भारत ने यह मुद्दा ब्रिटिश सरकार के समक्ष विभिन्न स्तरों पर उठाता भी रहा है।
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