पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी (फाइल फोटो)
लाहौर:
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने दावा किया है कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके भाई शाहबाज शरीफ ने उन्हें मारने के लिए दो बार योजना बनाई थी. जरदारी (62) का कहना है कि नवाज और शाहबाज शरीफ ने उनकी हत्या की योजना उस वक्त बनाई थी जब वह भ्रष्टाचार मामलों में आठ साल की सजा काट रहे थे. उन्होंने कहा कि शरीफ के भाई उनकी हत्या तब करवाना चाहते थे जब वह सुनवाई के लिए अदालत जा रहे थे. शनिवार को लाहौर के बिलावल हाउस में पार्टी कार्यकर्ताओं से बात करते हुए जरदारी ने कहा, 'शरीफ भाईयों-पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके छोटे भाई और पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ ने 1990 के दशक में मेरे जेल में रहने के दौरान दो बार मेरी हत्या की योजना बनाई थी.'
जरदारी ने आगे कहा कि सहयोग मांगने के लिए नवाज उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन 'मैंने इंकार कर दिया.' उन्होंने कहा, 'मैं भूला नहीं हूं कि उन्होंने (शरीफ भाईयों), बेनजीर भुट्टो (मेरी पत्नी) और मेरे साथ क्या किया है. हमने उन्हें माफ कर दिया था और चार्टर ऑफ डेमोक्रेसी पर हस्ताक्षर कर दिए थे, लेकिन इसके बावजूद मियां साहब (नवाज) ने मुझे धोखा दिया और मेमोगेट मामले में अदालत चले गए ताकि मुझपर विश्वासघाती होने का लेबल लगा सकें.'
यह भी पढ़ें : बेनजीर की बेटियों ने मुशर्रफ को 'हत्यारा' कहा
उन्होंने आगे कहा, 'शरीफ भाईयों पर इस बार भरोसा नहीं किया जा सकता और मैं उनसे हाथ नहीं मिलाउंगा.' जरदारी ने कहा, 'वह बहुत तेजी से रंग बदलते हैं.
वह जब मुश्किल में होते हैं तो वह आपके साथ सहयोग करने के लिए तैयार हो जाते हैं और जब उनके पास सत्ता होती है तो वह आपको बड़ी चालाकी से नुकसान पहुंचाते हैं.' जरदारी ने पार्टी नेताओं को स्पष्ट कर दिया है कि वह वर्ष 2018 में होने वाले चुनावों के बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) से गठबंधन करने की बात भूल जाएं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
जरदारी ने आगे कहा कि सहयोग मांगने के लिए नवाज उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन 'मैंने इंकार कर दिया.' उन्होंने कहा, 'मैं भूला नहीं हूं कि उन्होंने (शरीफ भाईयों), बेनजीर भुट्टो (मेरी पत्नी) और मेरे साथ क्या किया है. हमने उन्हें माफ कर दिया था और चार्टर ऑफ डेमोक्रेसी पर हस्ताक्षर कर दिए थे, लेकिन इसके बावजूद मियां साहब (नवाज) ने मुझे धोखा दिया और मेमोगेट मामले में अदालत चले गए ताकि मुझपर विश्वासघाती होने का लेबल लगा सकें.'
यह भी पढ़ें : बेनजीर की बेटियों ने मुशर्रफ को 'हत्यारा' कहा
उन्होंने आगे कहा, 'शरीफ भाईयों पर इस बार भरोसा नहीं किया जा सकता और मैं उनसे हाथ नहीं मिलाउंगा.' जरदारी ने कहा, 'वह बहुत तेजी से रंग बदलते हैं.
वह जब मुश्किल में होते हैं तो वह आपके साथ सहयोग करने के लिए तैयार हो जाते हैं और जब उनके पास सत्ता होती है तो वह आपको बड़ी चालाकी से नुकसान पहुंचाते हैं.' जरदारी ने पार्टी नेताओं को स्पष्ट कर दिया है कि वह वर्ष 2018 में होने वाले चुनावों के बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) से गठबंधन करने की बात भूल जाएं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं