वैज्ञानिकों ने नोवेल कोरोना वायरस (Coronavirus) में उत्परिवर्तन के एक प्रतिरूप की पहचान की है जिसकी वजह से यह रोग प्रतिरोधक क्षमता से जुड़ी एंटीबॉडी (COVID-19 Anti body) को चकमा देने में सफल रहता है. इस अध्ययन में यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग (University of Pittsburgh) के अनुसंधानकर्ता भी शामिल थे. अनुसंधानकर्ताओं ने अध्ययन के परिणामों में कहा है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) अपने ‘जीनेटिक' क्रम के ऐसे कुछ चुनिंदा हिस्सों को मिटा देता है जो इसकी स्पाइक प्रोटीन के आकार से संबंधित हैं.
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‘स्पाइक प्रोटीन' कोरोना वायरस का वह हिस्सा है जो इसे मेजबान कोशिकाओं को संक्रमित करने में सक्षम बनाता है और यह वायरस का वह हिस्सा भी है जिसके खिलाफ शरीर एंटीबॉडी उत्पन्न करता है. अध्ययन के परिणाम ‘साइंस' पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं. अनुसंधानकर्ताओं ने विश्व के कई हिस्सों से एकत्र किए गए स्पाइक प्रोटीन के लगभग 1,50,000 जीन अनुक्रमों का अध्ययन किया.
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इस दौरान उन्होंने नोवेल कोरोना वायरस में उत्परिवर्तन के एक प्रतिरूप की पहचान की जिसकी वजह से यह रोग प्रतिरोधक क्षमता से जुड़ी एंटीबॉडी को चकमा देने में सफल रहता है. उन्होंने कहा कि अध्ययन के दौरान कम से कम नौ दृष्टांत मिले जहां कोविड रोगियों में इस तरह के स्वरूप उत्पन्न हुए.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं