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This Article is From Oct 14, 2022

बिना 'महरम' Hajj और Umrah जा सकेंगी महिलाएं, Saudi Arab ने लिया ऐतिहासिक फैसला

सऊदी अरब (Saudi Arab) ने मुस्लिम महिलाओं (Muslim Women) के लिए धार्मिक यात्रा आसान बना दी है. हज (Hajj) वार्षिक धार्मिक यात्रा होती है जिसे किसी भी मुसलमान (Muslim) को अपने जीवन में कम से कम से एक बार करना होता है. इसे इस्लाम का पांचवा स्तंभ माना गया है. जबकि उमरा (Umrah) साल में किसी भी समय किया जा सकता है.

बिना 'महरम' Hajj और Umrah जा सकेंगी महिलाएं, Saudi Arab ने लिया ऐतिहासिक फैसला
पुरुष अभिभावक के बिना भी हज (Hajj) कर सकेंगी मुस्लिम महिलाएं (प्रतीकात्मक तस्वीर)

सऊदी अरब (Saudi Arab) ने हज (Hajj) पर जाने वाली महिलाओं के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. अरब न्यूज़ के अनुसार, सऊदी अरब के हज और उमरा समंत्री तौफिक बिन फवाज़ान अल राबियाह ने घोषणा की है कि सऊदी अरब में महिलाएं अब बिना महरम (Mahram) , या कहें कि पुरुष अभिभावक के भी हज कर सकेंगी. यह घोषणा अन्य घोषणाओं के साथ काहिरा में मौजूद सऊदी के एक दूतावास की प्रेस कॉन्फ्रेंस में की गई. इस कार्यक्रम में सऊदी के मिस्त्र में मौजूद राजूदत ओसामा बिन अहमद नुगाली और अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. सऊदी अरब विज़न 2030 के अंतर्गत हाजियों को हज और उमरा के लिए यह सुविधाएं मुहैया करवाईं गईं हैं. 

हज और उमरा सेवा के सलाहकार अहमद सालेह हलाबी ने कहा कि अब महिलाएं बिना मरहम के किसी विश्वस्नीय महिला या सुरक्षित साथी के संग हज या उमरा पर जा सकती हैं. यही मालिकी और शफी के जानकारों का विचार है." 

मिडिलईस्ट आई की खबर कहती है कि सऊदी ने ऐतिहासित फैसला लेते हुए महिलाओं को बिना "महरम" के हज और उमरा पर जाने देने की अनुमति दी है. सोमवार को की गई यह घोषणा पूरी दुनिया से आने वाले हाजियों पर लागू होगी.  

इस घोषणा से सऊदी अरब में लागू दशकों पुराना कानून खत्म हो गया है. हालांकि पहले भी बड़े समूह में हज या उमरा करने आने वाली महिलाओं को छूट दी जाती रही है.  

इस घोषणा के समय बताया गया कि मिस्त्र में अल-अज़हर अल शरीफ में मौजूद फतवा के सुपरवाइज़र अब्बास शोमैन ने पिछले मार्च में यह घोषणा की थी कि महिलाएं बिना किसी महरम के हज या उमरा जा सकती हैं.  

हज वार्षिक धार्मिक यात्रा होती है जिसे किसी भी मुसलमान को अपने जीवन में कम से कम से एक बार करना होता है. इसे इस्लाम का पांचवा स्तंभ माना गया है.  जबकि उमरा साल में किसी भी समय किया जा सकता है और इसकी अहमियत मुसलमानों के लिए हज से थोड़ा कम होती है.  

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