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This Article is From Jun 04, 2017

जानें, फांसी पर लटकने से पहले जेल में क्या करता रहा तानाशाह सद्दाम हुसैन

किताब में बार्डेनवेरपेर ने लिखा है कि सद्दाम एक कोने में धूल के छोटे से ढेर पर उग आई घास को पानी देना पसंद करते थे. वे उसकी देखभाल ऐसे करते थे जैसे कि वे 'खूबसूरत फूल हों.' अपने भोजन को लेकर वे काफी संवेदनशील थे, नाश्ता कई हिस्सों में लेते थे. पहले आमलेट खाते थे, फिर मफिन और उसके बाद ताजे फल. आमलेट कटाफटा हो तो वे खाने से मना कर देते थे. उन्हें मिठाईयां बहुत पसंद थी.

जानें, फांसी पर लटकने से पहले जेल में क्या करता रहा तानाशाह सद्दाम हुसैन
सद्दाम हुसैन
न्यूयॉर्क: इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन ने अपने अंतिम दिन अमेरिकी गायिका मैरी जे ब्लिज के गाने सुनते, मफिन खाते और जेल के अमेरिकी सुरक्षाकर्मियों को कहानियां सुनाते बिताए. उन्होंने सुरक्षाकर्मियों से दोस्ती गांठ ली थी. न्यूयॉर्क पोस्ट की खबर के मुताबिक विल बार्डेनवेरपेर की नई किताब, 'दी प्रिजनर इन हिज पैलेस : सद्दाम हुसैन, हिज अमेरिकन गार्डस, ऐंड व्हॉट हिस्ट्री लीव्ज अनसेड' में सद्दाम के अंतिम दिन, उनकी सुरक्षा में तैनात अमेरिकी सुरक्षा कर्मियों के अनुभव को जुटाया है. तीन दशकों तक इराक पर शासन करने वाले सद्दाम को 69 वर्ष की आयु में फांसी पर चढ़ा दिया गया था. सुनवाई शुरू होने से पहले सद्दाम जब बगदाद में थे तब 551वीं मिल्रिटी पुलिस कंपनी के अमेरिकी सैनिकों का समूह उनकी निगरानी में तैनात था. सैनिक अपने समूह को 'दी सुपर ट्वेल्व' कहते थे.

रिपोर्ट में बताया गया कि सद्दाम की निजी सुरक्षा में तैनात इन 12 अमेरिकी सैनिकों के बीच पहले छह महीने एक जुड़ाव सा हो गया था. इनका सद्दाम से भी जुड़ाव हो गया जो उनके अंतिम समय तक बना रहा. किताब का लेखक इन्हीं सुरक्षाकर्मियों में से एक है.

किताब में बार्डेनवेरपेर ने लिखा है कि सद्दाम एक कोने में धूल के छोटे से ढेर पर उग आई घास को पानी देना पसंद करते थे. वे उसकी देखभाल ऐसे करते थे जैसे कि वे 'खूबसूरत फूल हों.' अपने भोजन को लेकर वे काफी संवेदनशील थे, नाश्ता कई हिस्सों में लेते थे. पहले आमलेट खाते थे, फिर मफिन और उसके बाद ताजे फल. आमलेट कटाफटा हो तो वे खाने से मना कर देते थे. उन्हें मिठाईयां बहुत पसंद थी.

सुरक्षा कर्मियों के जीवन में सद्दाम की खासी दिलचस्पी थी. कई सुरक्षाकर्मियों के बच्चे भी थे और सद्दाम पिता के तौर पर अपने अनुभवों की कहानियां उन्हें सुनाया करते थे. बच्चों में अनुशासन की उनकी एक कहानी तो याद रखने योग्य है.

सद्दाम ने बताया कि उनके बेटे उदय ने एक बड़ी गंभीर गलती कर दी थी जिससे सद्दाम को बेहद गुस्सा आया था. उदय ने एक दल पर गोलीबारी कर दी थी जिसमें कई लोग मारे गए थे और कई घायल हो गए थे.

किताब के मुताबिक सद्दाम ने बताया, 'मुझे बहुत गुस्सा आया और मैंने उसकी सभी कारें जला दी.' उन कारों में रॉल्स रॉयस, फरारी और पॉर्श जैसी महंगी कारें भी थी.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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