
- जयशंकर ने न्यूयॉर्क में कनाडा की विदेश मंत्री अनिता आनंद से भारत-कनाडा संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की_
- दोनों देशों ने हाल ही में राजनयिक संबंधों को पुनर्स्थापित करने के लिए उच्चायुक्तों की नियुक्ति की है.
- एस जयशंकर ने अनिता आनंद को भारत आने का आमंत्रण दिया है और उनका स्वागत करने के लिए उत्सुकता व्यक्त की है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को अपनी कनैडियन समकक्ष अनिता आनंद से मुलाकात की. यह मुलाकात न्यूयॉर्क में हुई जहां पर दोनों के बीच भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा हुई. जयशंकर ने इस मीटिंग को लेकर एक्स पर पोस्ट किया. आपको बता दें कि साल 2023 में दोनों देशों के बीच संबंध काफी बिगड़ गए थे. हाल ही में भारत ने कनाडा में अपने हाई कमिश्नर को नियुक्त किया है तो वहीं कनाडा ने भी यही कदम उठाया है.
एक्स पर किया पोस्ट
एस जयशंकर ने अपनी पोस्ट में लिखा, 'कनाडा की विदेश मंत्री अनिता आनंद के साथ आज सुबह न्यूयॉर्क में एक अच्छी मुलाकात हुई.' उन्होंने आगे लिखा, 'संबंधों के पुनर्निर्माण के लिए उच्चायुक्तों की नियुक्ति स्वागत योग्य है. आज इस संबंध में आगे के कदमों पर चर्चा हुई.' इसके साथ ही जयशंकर ने अपनी इसी पोस्ट में बताया कि उन्होंने कनाडा की विदेश मंत्री को भारत आने के लिए आमंत्रण दिया है और अब वह उनका स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं. दोनों नेताओं की मुलाकात संयुक्त राष्ट्र महासभा (उंगा) के 80वें सत्र से इतर हुई.
A good meeting with FM @AnitaAnandMP of Canada this morning in New York.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 29, 2025
The appointment of High Commissioners is welcome as we rebuild ties. Discussed further steps in that regard today.
Look forward to welcoming FM Anand in India.
🇮🇳 🇨🇦 #UNGA80 pic.twitter.com/74hYE1Bju5
पटरी पर आते रिश्ते
दोनों देश इस समय संबंधों को फिर से पटरी पर लाने की कोशिशों में लगे हुए हैं. ऐसे में यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है. साल 2023 में तत्कालीन कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारत को दोषी ठहराया था. उन्होंने कहा था कि निज्जर की हत्या में भारत सरकार शामिल थी. इसके बाद से ही दोनों देशों के संबंध पटरी से उतर गए थे. भारत और कनाडा दोनों ने ही इसकी प्रतिक्रिया में अपने-अपने देशों से राजनयिकों को निकाल दिया था. यहां से दोनों देशों के संबंधों में दशकों बाद कड़वाहट देखी गई थी.
ट्रूडो के अजीबो-गरीबो दावे के बाद भारत ने पांच राजनयिकों के साथ ही हाई कमिश्नर को वापस बुलाया था. इसके बाद कनाडा उतनी ही संख्या में भारतीय राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था.
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