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एस. जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री के साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति पर चर्चा की

विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को नई दिल्ली में एक बयान में कहा था कि सम्मेलन का सातवां संस्करण ऑस्ट्रेलियाई सरकार के विदेश मामलों और व्यापार विभाग के साथ-साथ सिंगापुर के एस. राजरत्नम स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज तथा पर्थ-यूएस एशिया सेंटर के सहयोग से 9 और 10 फरवरी को पर्थ में आयोजित किया जा रहा है.

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एस. जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री के साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिति पर चर्चा की
पर्थ:

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपनी ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पेनी वोंग से शुक्रवार को मुलाकात की और द्विपक्षीय व्यापक रणनीतिक साझेदारी, हिंद-प्रशांत क्षेत्र, पश्चिम एशिया की स्थिति और अन्य क्षेत्रीय तथा वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की. जयशंकर शुक्रवार से हिंद महासागर पर केंद्रित दो दिवसीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए ऑस्ट्रेलियाई शहर पर्थ में हैं.

जयशंकर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग और सिंगापुर के अपने समकक्ष विवियन बालाकृष्णन के साथ शामिल हुए. जयशंकर ने बैठक की कुछ तस्वीरों के साथ ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘आज पर्थ में ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग से मिलकर खुशी हुई. हम हिंद महासागर पर केंद्रित सातवें सम्मेलन के लिए यहां आए हैं. हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी और हिंद महासागर से संबंधित मामलों पर सार्थक चर्चा हुई.''

उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘पर्थ में सातवें हिंद महासागर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में श्रीलंकाई राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, ऑस्ट्रलियाई विदेश मंत्री वोंग और सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बाला से मिलकर खुशी हुई.'' हिंद महासागर सम्मेलन इस क्षेत्र के देशों के लिए एक प्रमुख परामर्शदात्री मंच है, जो विदेश मंत्रालय द्वारा ‘इंडिया फाउंडेशन' के सहयोग से प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है.

विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को नई दिल्ली में एक बयान में कहा था कि सम्मेलन का सातवां संस्करण ऑस्ट्रेलियाई सरकार के विदेश मामलों और व्यापार विभाग के साथ-साथ सिंगापुर के एस. राजरत्नम स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज तथा पर्थ-यूएस एशिया सेंटर के सहयोग से 9 और 10 फरवरी को पर्थ में आयोजित किया जा रहा है.

सम्मेलन के इस संस्करण का विषय ‘‘एक स्थिर और टिकाऊ हिंद महासागर की ओर'' है. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि सम्मेलन में 22 से अधिक देशों के मंत्रियों और 16 देशों के वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल और छह बहुपक्षीय संगठन एक साथ आएंगे.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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