मॉस्को:
रूस, भारत के साथ हुए सौदे के तहत इस साल भारतीय वायु सेना (आईएएफ) को 4 प्लस प्लस पीढ़ी के छह और जेट लड़ाकू विमानों की आपूर्ति करेगा। यह जानकारी विमानन कंपनी एमआईजी ने बुधवार को दी।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, एमआईजी के महानिदेशक सर्गेई कोरोटकोव ने एमएकेएस हवाई शो के दौरान संवाददाताओं से कहा, भारत के पास फिलहाल 21 विमान हैं। इस सौदे के तहत 2015 तक 29 और विमानों की आपूर्ति की जाएगी। पिछले साल हमने चार विमानों की आपूर्ति की थी। इस साल हमने एक विमान सौंप दिया है और छह शेष सौंपे जाने हैं।
छह दिन चलने वाला एमएकेएस शो मॉस्को के बाहर स्थित जुकोवस्की शहर में मंगलवार को शुरू हुआ है।
एमआईजी ने 2010 में भारत के साथ 1.5 अरब डॉलर का सौदा किया था जिसके अंतर्गत 29 एमआईजी-29के-केयूबी लड़ाकू विमान देने की सहमति बनी थी।
कंपनी की प्रवक्ता एलेना फेदोरोवा ने बताया कि एमएकेएस शो के दौरान रूसी कंपनी ने भारत के साथ 5.5 करोड़ डॉलर के दो और सौदे किए जिसके अंतर्गत यह भारत में एमआईजी के विमानों और भारी मशीनों के रखरखाव के लिए केंद्र स्थापित करेगा। इसने यह सौदा अपने साझीदार बसंत एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर किया है। एमआईजी ने 2005 में 4 प्लस प्लस पीढ़ी के इस विमान का उत्पादन शुरू किया था।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, एमआईजी के महानिदेशक सर्गेई कोरोटकोव ने एमएकेएस हवाई शो के दौरान संवाददाताओं से कहा, भारत के पास फिलहाल 21 विमान हैं। इस सौदे के तहत 2015 तक 29 और विमानों की आपूर्ति की जाएगी। पिछले साल हमने चार विमानों की आपूर्ति की थी। इस साल हमने एक विमान सौंप दिया है और छह शेष सौंपे जाने हैं।
छह दिन चलने वाला एमएकेएस शो मॉस्को के बाहर स्थित जुकोवस्की शहर में मंगलवार को शुरू हुआ है।
एमआईजी ने 2010 में भारत के साथ 1.5 अरब डॉलर का सौदा किया था जिसके अंतर्गत 29 एमआईजी-29के-केयूबी लड़ाकू विमान देने की सहमति बनी थी।
कंपनी की प्रवक्ता एलेना फेदोरोवा ने बताया कि एमएकेएस शो के दौरान रूसी कंपनी ने भारत के साथ 5.5 करोड़ डॉलर के दो और सौदे किए जिसके अंतर्गत यह भारत में एमआईजी के विमानों और भारी मशीनों के रखरखाव के लिए केंद्र स्थापित करेगा। इसने यह सौदा अपने साझीदार बसंत एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर किया है। एमआईजी ने 2005 में 4 प्लस प्लस पीढ़ी के इस विमान का उत्पादन शुरू किया था।