रूस ने शुक्रवार को यूक्रेन के नागरिकों पर आरोप लगाया कि उन्होंने विभिन्न शहरों में 3,700 से अधिक भारतीय नागरिकों को जबरन बंधक बनाकर रखा है. रूस ने कहा कि उसकी सेना विदेशी नागरिकों की शांतिपूर्ण निकासी के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. यूक्रेन स्थित जापोरिज्जिया परमाणु संयंत्र पर हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक में रूसी स्थायी प्रतिनिधि वासिली नेबेंजिया ने कहा कि यूक्रेन में कट्टरपंथियों और चरमपंथियों को पश्चिमी देशों का संरक्षण हासिल है.
उन्होंने कहा, “यूक्रेनी राष्ट्रवादियों द्वारा जबरन बंधक बनाए जा रहे विदेशी नागरिकों की संख्या चौंकाने वाली है. खारकीव में भारत के 3,189 नागरिक, वियतनाम के 2,700 नागरिक, चीन के 202 नागरिक इसमें शामिल हैं. सूमी में 576 भारतीय नागरिक, 101 घाना के नागरिक और 121 चीनी नागरिक शामिल हैं.'' नेबेंजिया ने कहा कि रूसी सेना विदेशी नागरिकों की शांतिपूर्ण निकासी सुनिश्चित करने के लिए सब कुछ कर रही है.
उन्होंने कहा कि विभिन्न चौकियों पर 130 आरामदायक बसें भारतीय छात्रों और अन्य विदेशी नागरिकों को बचाने के लिए खारकीव और सुमी के लिए रवाना होने को तैयार हैं. वहीं, भारत ने युद्धग्रस्त यूक्रेन के संघर्ष वाले क्षेत्रों से अपने नागरिकों को बाहर निकालने के लिये रूस और यूक्रेन से स्थानीय युद्धविराम की मांग की है ताकि वह अपने शेष नागरिकों को सुरक्षित निकाल सके. भारत ने यह भी कहा कि उसे दोनों देशों द्वारा नागरिकों को संघर्ष वाले क्षेत्रों से निकलने देने के लिये सुरक्षित गलियारा बनाने के निर्णय पर अमल का इंतजार है.
युद्धग्रस्त क्षेत्र में कुछ देशों के नागरिकों को रोके जाने एवं बंधक बनाये जाने संबंधी रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के बयान पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि आपको हमेशा उस व्यक्ति से सवाल पूछना चाहिए जिसने बयान दिया है.
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