दुर्लभ न्यूरोमस्कुलर बीमारी से पीड़ित भारतीय मूल का दो साल का एक बच्चा सिंगापुर के लोगों से मिली 16.68 करोड़ रुपये की दान राशि से हुए उपचार के बाद चलने-फिरने में सक्षम हो गया है. देवदान देवराज भारतीय मूल के लोकसेवक दवे देवराज और चीनी मूल की उनकी इंटीरियर डिजाइनर पत्नी शु वेन देवराज की इकलौती संतान है.
बच्चे के इलाज में 16 करोड़ रुपये की लागत वाली जीन-चिकित्सा पद्धति ज़ोलगेन्स्मा का सहारा लिया गया जिसे दुनिया की सबसे महंगी दवाओं में से एक के रूप में जाना जाता है.
स्ट्रेट्स टाइम्स समाचार पत्र ने बुधवार को बच्चे की मां शू वेन देवराज के हवाले से कहा, 'एक साल पहले, मेरे पति और मैं उसे (बच्चे) चलते हुए नहीं देख सकते थे. उस समय उसके लिए खड़ा होना भी एक मुद्दा था. इसलिए उसे अब चलते हुए देखना और यहां तक कि कुछ सहायता से उसका तिपहिया साइकिल की सवारी करना हमारे लिए एक चमत्कार जैसा है.'
पिछले साल अगस्त में महज 10 दिनों में करीब 30,000 लोगों ने देवदान के इलाज के लिए चैरिटी संगठन 'रे ऑफ होप' के जरिए कुल 28.7 लाख सिंगापुर डॉलर (15.84 करोड़ रुपये) का दान दिया. इस तरह उसके इलाज के लिए 16.68 करोड़ रुपये का दान मिला.
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