मास्को समर्थित विद्रोहियों ने मार गिराए गए मलेशियाई विमान के मलबे से अब तक बरामद 219 शवों को आज अपने नियंत्रण में ले लिया। इस बीच, विद्रोहियों के नियंत्रण वाले यूक्रेन के इस क्षेत्र में दुर्घटनास्थल तक बिना रुकावट पहुंच के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है।
‘रिया नोवोस्ती’ समाचार एजेंसी ने खबर दी कि दुर्घटनास्थल के करीब स्थित तोरेज कस्बे में खड़ी एक रेफ्रीजरेटिड ट्रेन पर 192 शवों और आठ शवों के हिस्सों को लादा गया।
देश के उपप्रधानमंत्री वोलोदिमीर ग्रोयस्मैन ने कहा कि आपातकालीन विभाग के कर्मचारियों ने दुर्घटनास्थल से 27 और शव बरामद किए हैं।
मलेशिया एयरलाइंस का बोइंग 777 विमान 298 यात्रियों को लेकर एम्सटर्डम से कुआलालंपुर जा रहा था और गुरूवार को लुहानस्क क्षेत्र के क्रास्नी लच और दोनेस्क के शाखतास्क के बीच मार गिराया गया।
माना जा रहा है कि एमएच 17 को विद्रोहियों के नियंत्रण वाले क्षेत्र से मिसाइल से मार गिराया गया। इसमें सवार सभी 298 यात्रियों की मौत हो गई थी।
इससे पहले, खबरें आईं कि ट्रेन तोरेज से दोनेस्क के लिए रवाना हुई, लेकिन बाद में पता चला कि यह तोरेज में अब भी खड़ी है। ग्रोयस्मैन ने कहा कि रूस समर्थित अलगाववादियों ने विमान हादसे के 192 पीड़ितों के शव ट्रेन के रेफ्रीजरेटिड डिब्बों में रखे हैं। उन्होंने कहा कि इन्हें छुड़ाने के लिए बातचीत चल रही है।
स्वयंभू ‘दोनेस्क पीपुल्स रिपब्लिक’ के प्रधानमंत्री एलेक्जेंडर बोरोदई ने कहा, 'दुर्घटनास्थल से ब्लैक बाक्स जैसा दिखने वाला विमान का हिस्सा मिला है।' उन्होंने कहा कि इन हिस्सों को यहां आने पर अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों को सौंपा जाएगा।
इस बीच, फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के नेताओं के बीच बातचीत के बाद फ्रांस ने रूस को चेताया कि अगर मास्को तत्काल जरूरी उपाय नहीं करता है तो उसे यूरोपीय संघ में परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। विश्वभर के नेताओं ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके पीडितों के शवों को सौंपने और दुर्घटनास्थल तक अंतरराष्ट्रीय जांचकर्ताओं को बिना रुकावट के जाने देने की अनुमति प्राप्त करने की मांग की।
यूरोपीय सुरक्षा एवं सहयोग संगठन (ओएससीई) के प्रवक्ता माइकल बोसिउरकीव ने कहा कि स्टेशन पर दुर्गंध असहनीय है और इस मालगाडी की सुरक्षा के लिए तैनात अलगाववादियों ने 'अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों' के आने तक शवों को नहीं ले जाने का संकल्प लिया था।
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