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This Article is From Feb 11, 2022

Afghanistan में 'आतंकवाद को QUAD देशों ने बताया सीधा ख़तरा', भारत के 'ज़ख्मों पर लगाया मरहम'

QUAD देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में Afghanistan के हालात पर चिंता जताई गई और सभी देशों से अपील की गई कि वो अपने देश की सीमाओं का प्रयोग आतंकवादी हमले (Terror Attack) के लिए ना होने दें और ऐसा करने वालों को सजा मिले. 

Afghanistan में 'आतंकवाद को QUAD देशों ने बताया सीधा ख़तरा', भारत के 'ज़ख्मों पर लगाया मरहम'
QUAD देशों ने जताई आतंकवाद पर चिंता, Afghanistan को किया आगाह
नई दिल्ली:

QUAD देशों  के विदेश मंत्रियों की चौथी बैठक में  एक बार फिर आतंकवाद (Terrorism)  के मुद्दे पर गंभीर चिंता जताई गई और चीन को याद दिलाया गया कि उसे दक्षिण और पूर्वी चीन सागर में समुद्र के अंतर्राष्ट्रीय कानून (UNCLOS) का पालन करना ही होगा. आस्ट्रेलिया (Australia), भारत (India) जापान (Japan) और अमेरिका (US) के विदेश मंत्रियों की ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न (Melbourne) में हुई मुलाकात में कहा गया कि क्वाड देश आपस में खतरों को लेकर जानकारी साझा करते हैं और सभी प्रकार के आतंकवाद और हिंसक चरमपंथ (violent Extremism)  से निपटने के लिए हिंद-प्रशांत (Indo Pacific)  में बहुपक्षीय देशों के साथ लगातार संपर्क में रहते हैं. साथ ही सभी देशों से अपील की गई कि वो अपने देश की सीमाओं का प्रयोग आतंकवादी हमले के लिए ना होने दें और ऐसा करने वालों को सजा मिले. 

क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया है कि हम भारत में 26/11 को हुए आतंकवादी हमलों और पठानकोट के हमलों की फिर से निंदा करते हैं. साथ ही UNSC के रिजोल्यूशन 2593 का हवाला देते हुए दोहराया गया कि अफगानिस्तान की सीमाओं का प्रयोग किसी भी दूसरे देश पर हमले के लिए उसे डराने के लिए या आतंकवादियों को शरण या प्रशिक्षण देने के लिए या फिर आतंकवादी घटनाओं की फंडिंग के लिए नहीं होना चाहिए. क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की इस बैठक में अफगानिस्तान में  फिलहाल कोई सरकार न होने से इसके हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा के लिए सीधा खतरा बन जाने की भी बात कही गई.    

हाल ही में भारत ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव की उस रिपोर्ट पर निराशा जताई थी जिसमें अफगानिस्तान में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों को शरण मिलने और वहां आतंकवादी संगठनों का ISIS के साथ गठबंधन होने की बात को नज़रअंदाज़ किया गया था.  भारत ने कहा था कि अफगानिस्तान के हालात से दक्षिण एशिया की सुरक्षा को खतरा है.  

इस बैठक में साइबर सुरक्षा, क्लाइमेट चेंज और म्यांमार में सैन्य शासन के बाद हो रही हिंसा पर भी चिंता जताई गई साथ ही नॉर्थ कोरिया की तरफ से संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों को तोड़ कर किए गए मिसाइल परीक्षणों की भी निंदा की गई.  इस साल के मध्य में जापान में Quad देशों के नेताओं का अगला सम्मेलन होना है.  
 

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को QUAD विदेश मंत्रियों की एक महत्वपूर्ण बैठक से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की. उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करते हुए कहा कि भारत-अमेरिका संबंधों के विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति सकारात्मक है. जयशंकर 10 से 13 फरवरी तक विदेश मंत्री के रूप में ऑस्ट्रेलिया की पहली यात्रा पर हैं.  उन्होंने ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के विदेश मंत्रियों के साथ चौथी, क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लिया. 

जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘ब्लिंकन के साथ द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा. विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति सकारात्मक है. हमारी रणनीतिक साझेदारी बिल्कुल स्पष्ट है.''

रणनीतिक क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता के बीच क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की वार्ता का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र समेत विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को और बढ़ाना था.  हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए क्वाड सदस्य देशों द्वारा नए सिरे से किए गए प्रयासों के बीच विदेश और रक्षा मंत्रीस्तरीय वार्ता हुई थी. भारत और ऑस्ट्रेलिया के अलावा, क्वाड में अमेरिका और जापान शामिल हैं.

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