राष्ट्रपति मुखर्जी ने पेकिंग यूनिवर्सिटी में टैगोर की मूर्ति पर माला चढ़ाई (@RashtrapatiBhvn)
बीजिंग:
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपनी चीन यात्रा के दौरान कहा है कि दोनों देशों को सीमा के मुद्दे समेत अलग अलग चुनौतियों को राजनीतिक सूझबूझ और विवेक के जरिए समग्र ढंग से सुलझा लेना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियों को अनसुलझे मुद्दों का ‘बोझ’ न उठाना पड़े। पेकिंग विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करते हुए मुखर्जी ने कहा कि चीन के साथ साझेदारी को मजबूत करने के लिए एक द्विदलीय प्रतिबद्धता है और विकास पर आधारित करीबी साझेदारी के लिए दोनों देशों के बीच राजनीतिक समझ होना जरूरी है। साथ ही उन्होंने कहा कि इसे करने का एक तरीका राजनीतिक संवाद में वृद्धि लाना है। मुखर्जी ने कहा‘हमने ‘साझा आधार’ को विस्तार दिया है और अपने मतभेदों का प्रबंधन सीखा है। सीमा के सवाल के साथ-साथ कई चुनौतियां हैं, जिन्हें समग्र रूप से निपटाए जाने की जरूरत है।’
'मतभेद स्वाभाविक है..'
राष्ट्रप्रमुख के तौर पर अपनी चीन की पहली अधिकारिक यात्रा पर आए मुखर्जी ने कहा कि पड़ोसियों के बीच समय-समय पर कुछ मुद्दों पर मतभेद उभरना स्वाभाविक ही है। उन्होंने कहा कि 'मैं इसे हमारी राजनीतिक सूझबूझ की परीक्षा मानता हूं, जब हमें हमारे सभ्यतापरक विवेक का इस्तेमाल करते हुए इन मतभेदों को दोनों पक्षों के आपसी संतोष तक सुलझाना चाहिए।' अपनी बात पूरी करते हुए उन्होंने कहा कि 'दोनों पक्षों को इस उद्देश्य के साथ काम करना चाहिए कि हम अनसुलझी समस्याएं छोड़कर आने वाली पीढ़ियों पर बोझ न लाद दें।अनसुलझी समस्याएं छोड़कर आने वाली पीढ़ियों पर बोझ न लाद दें।'
राष्ट्रपति ने इस मौके पर पेकिंग विश्वविद्यालय में मौजूद रविंद्र नाथ टैगोर की मूर्ति पर माला चढ़ाई और चीन के शिक्षा मंत्री युआन गुरिन से भी मुलाकात की। अपने चार दिवसीय प्रवास के दौरान राष्ट्रपति अपने चीनी समकक्ष शी चिनफिंग और अन्य शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगे।
राष्ट्रपति ने चीन के शिक्षा मंत्री युआन गुरिन से मुलाकात की (तस्वीर - RashtrapatiBhvn@twitter)
'मतभेद स्वाभाविक है..'
राष्ट्रप्रमुख के तौर पर अपनी चीन की पहली अधिकारिक यात्रा पर आए मुखर्जी ने कहा कि पड़ोसियों के बीच समय-समय पर कुछ मुद्दों पर मतभेद उभरना स्वाभाविक ही है। उन्होंने कहा कि 'मैं इसे हमारी राजनीतिक सूझबूझ की परीक्षा मानता हूं, जब हमें हमारे सभ्यतापरक विवेक का इस्तेमाल करते हुए इन मतभेदों को दोनों पक्षों के आपसी संतोष तक सुलझाना चाहिए।' अपनी बात पूरी करते हुए उन्होंने कहा कि 'दोनों पक्षों को इस उद्देश्य के साथ काम करना चाहिए कि हम अनसुलझी समस्याएं छोड़कर आने वाली पीढ़ियों पर बोझ न लाद दें।अनसुलझी समस्याएं छोड़कर आने वाली पीढ़ियों पर बोझ न लाद दें।'
राष्ट्रपति ने इस मौके पर पेकिंग विश्वविद्यालय में मौजूद रविंद्र नाथ टैगोर की मूर्ति पर माला चढ़ाई और चीन के शिक्षा मंत्री युआन गुरिन से भी मुलाकात की। अपने चार दिवसीय प्रवास के दौरान राष्ट्रपति अपने चीनी समकक्ष शी चिनफिंग और अन्य शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगे।
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