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This Article is From Aug 05, 2011

हर सातवां अमेरिकी सरकारी सहायता पर भरता है पेट

आप मानें या न मानें, लेकिन दुनिया के सबसे विकसित देश अमेरिका का हर सातवां नागरिक जीने के लिए जरूरी भोजन की व्यवस्था खुद नहीं कर सकता।
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वाशिंगटन: आप मानें या न मानें, लेकिन दुनिया के सबसे विकसित देश अमेरिका का हर सातवां नागरिक आज जीने के लिए जरूरी भोजन की व्यवस्था स्वयं नहीं कर सकता। वह भोजन के लिए सरकारी खाद्यान्न योजना पर निर्भर है। अमेरिकी कृषि विभाग के ताजा सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 31.1 करोड़ की आबादी में से 4.6 करोड़ लोग सरकारी खाद्यान्न योजना पर निर्भर हैं। यह विभाग आधिकारिक तौर पर पूरक पोषाहार सहायता कार्यक्रम का संचालन करता है। समाचार चैनल 'सीएनएन' के मुताबिक उच्च बेरोजगारी दर और अमेरिकी अर्थव्यवस्था की कमजोर हालत के कारण इस कार्यक्रम के तहत लाभार्थियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अक्टूबर, 2007 में अमेरिका में इस कार्यक्रम के तहत केवल 2.7 करोड़ लोगों को खाद्यान्न सुरक्षा मुहैया करवाई जा रही थी। पूरक पोषाहार सहायता कार्यक्रम के तहत एक व्यक्ति को आनाज की खरीद के लिए 200 डॉलर प्रति माह मुहैया करवाई जाती है। डेबिट कार्ड के रूप में उपलब्ध करवाई जाने वाली इस राशि से व्यक्ति सुपर बाजार या दुकानों से राशन की खरीद कर सकता है। एक दो लोगों के परिवार को प्रतिमाह 367 डॉलर प्रति माह और तीन लोगों के परिवार को 526 डॉलर प्रति माह और चार लोगों के परिवार को 668 डॉलर प्रति माह उपलब्ध करवाए जाते हैं।

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