लाहौर:
पाकिस्तान के लाहौर में गद्दाफी स्टेडियम के करीब शुक्रवार रात एक आत्मघाती हमले में उस पुलिसकर्मी की मौत हो गई, जिसने हमलावर को क्रिकेट परिसर को निशाना बनाने से रोका था। इस तरह से इस घटना में मृतकों की संख्या दो हो गई है। विस्फोट के समय स्टेडियम में पाकिस्तान और जिम्बाब्वे के बीच वनडे मैच चल रहा था।
गद्दाफी स्टेडियम से एक किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित कलमा चौक के निकट रात करीब नौ बजे ऑटो रिक्शा में सवार एक आत्मघाती हमलावर ने उस समय विस्फोट कर दिया जब यहां पाकिस्तान और जिम्बाब्वे के बीच एक वनडे मैच चल रहा था।
घायल चार लोगों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां सब-इंस्पेक्टर अब्दुल मजीद को मृत घोषित कर दिया गया। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने विस्फोट के तुरंत बाद एक बयान जारी कर कहा कि यह बिजली के ट्रांसफॉर्मर में हुआ धमाका था जो किसी गड़बड़ी के कारण हुआ था।
पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर दी है और विस्फोट स्थल पर मीडिया समेत किसी को भी जाने की अनुमति नहीं है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी इस बात से इनकार करते रहे कि यह एक आत्मघाती विस्फोट था।
लाहौर के पुलिस प्रमुख अमीन वेन्स ने कहा, 'एक ऑटो रिक्शा में रखे गए गैस सिलेंडर में विस्फोट हुआ। घटनास्थल से फॉरेंसिक नमूने इकट्ठा किए गए हैं, ताकि विस्फोट संबंधी और जानकारी पता चल सके।' उन्होंने कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगा कि यह एक आत्मघाती हमला था।
हालांकि सूचना मंत्री परवेज राशिद ने जियो न्यूज से कहा, 'कलमा चौक के निकट हमलावर को रोकने की कोशिश में एक पुलिस अधिकारी ने अपनी जान गंवा दी। उस अधिकारी की बहादुरी ने गद्दाफी स्टेडियम पर हमले की कोशिश नाकाम कर दी।' राशिद ने क्रिकेट मैच चलने के दौरान विस्फोट संबंधी समाचार 'उजागर नहीं करने' के लिए पाकिस्तान ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि मैच के दौरान 20,000 से अधिक दर्शक स्टेडियम में मौजूद थे और विस्फोट के समाचार के बाद डक से भगदड़ मचने का खतरा था। पहले ये रिपोर्ट मिली थीं कि विस्फोट में एक पुलिसकर्मी और एक नागरिक की मौत हुई है, लेकिन बाद में पता चला कि विस्फोट में सब-इंस्पेक्टर और हमलावर की मौत हुई है।
स्थानीय इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने पहले (पीसीबी के दावे पर) गद्दाफी स्टेडियम के निकट विस्फोट की सूचना दी थी, लेकिन बाद में यह दावा किए जाने के बाद कि धमाका इलाके में बिजली के एक ट्रांसफार्मर के कारण हुआ था, उसने इस संबंधी कोई समाचार प्रसारित नहीं किया।
पाकिस्तान में छह साल बाद पिछले सप्ताह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी हुई है जब मेजबानों और जिम्बाब्वे के बीच गद्दाफी स्टेडियम में पहला ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेला गया। पंजाब सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्बाब्वे की क्रिकेट टीम को 'राष्ट्रपति पद के स्तर की' सुरक्षा दी है कि उसके दौरे के दौरान कोई भी आतंकी घटना न हो।
मार्च 2009 के बाद यह किसी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम का पहला पाकिस्तान दौरा है। मार्च 2009 में लाहौर के लिबर्टी चौक (गद्दाफी स्टेडियम के करीब) पर तालिबान ने श्रीलंका की क्रिकेट टीम पर हमला किया था, जिसमें टीम के छह सदस्य घायल हो गए थे।
गद्दाफी स्टेडियम से एक किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित कलमा चौक के निकट रात करीब नौ बजे ऑटो रिक्शा में सवार एक आत्मघाती हमलावर ने उस समय विस्फोट कर दिया जब यहां पाकिस्तान और जिम्बाब्वे के बीच एक वनडे मैच चल रहा था।
घायल चार लोगों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां सब-इंस्पेक्टर अब्दुल मजीद को मृत घोषित कर दिया गया। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने विस्फोट के तुरंत बाद एक बयान जारी कर कहा कि यह बिजली के ट्रांसफॉर्मर में हुआ धमाका था जो किसी गड़बड़ी के कारण हुआ था।
पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर दी है और विस्फोट स्थल पर मीडिया समेत किसी को भी जाने की अनुमति नहीं है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी इस बात से इनकार करते रहे कि यह एक आत्मघाती विस्फोट था।
लाहौर के पुलिस प्रमुख अमीन वेन्स ने कहा, 'एक ऑटो रिक्शा में रखे गए गैस सिलेंडर में विस्फोट हुआ। घटनास्थल से फॉरेंसिक नमूने इकट्ठा किए गए हैं, ताकि विस्फोट संबंधी और जानकारी पता चल सके।' उन्होंने कहा कि यह कहना जल्दबाजी होगा कि यह एक आत्मघाती हमला था।
हालांकि सूचना मंत्री परवेज राशिद ने जियो न्यूज से कहा, 'कलमा चौक के निकट हमलावर को रोकने की कोशिश में एक पुलिस अधिकारी ने अपनी जान गंवा दी। उस अधिकारी की बहादुरी ने गद्दाफी स्टेडियम पर हमले की कोशिश नाकाम कर दी।' राशिद ने क्रिकेट मैच चलने के दौरान विस्फोट संबंधी समाचार 'उजागर नहीं करने' के लिए पाकिस्तान ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि मैच के दौरान 20,000 से अधिक दर्शक स्टेडियम में मौजूद थे और विस्फोट के समाचार के बाद डक से भगदड़ मचने का खतरा था। पहले ये रिपोर्ट मिली थीं कि विस्फोट में एक पुलिसकर्मी और एक नागरिक की मौत हुई है, लेकिन बाद में पता चला कि विस्फोट में सब-इंस्पेक्टर और हमलावर की मौत हुई है।
स्थानीय इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने पहले (पीसीबी के दावे पर) गद्दाफी स्टेडियम के निकट विस्फोट की सूचना दी थी, लेकिन बाद में यह दावा किए जाने के बाद कि धमाका इलाके में बिजली के एक ट्रांसफार्मर के कारण हुआ था, उसने इस संबंधी कोई समाचार प्रसारित नहीं किया।
पाकिस्तान में छह साल बाद पिछले सप्ताह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी हुई है जब मेजबानों और जिम्बाब्वे के बीच गद्दाफी स्टेडियम में पहला ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेला गया। पंजाब सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्बाब्वे की क्रिकेट टीम को 'राष्ट्रपति पद के स्तर की' सुरक्षा दी है कि उसके दौरे के दौरान कोई भी आतंकी घटना न हो।
मार्च 2009 के बाद यह किसी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम का पहला पाकिस्तान दौरा है। मार्च 2009 में लाहौर के लिबर्टी चौक (गद्दाफी स्टेडियम के करीब) पर तालिबान ने श्रीलंका की क्रिकेट टीम पर हमला किया था, जिसमें टीम के छह सदस्य घायल हो गए थे।
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