बांग्लादेश में जन्मे ब्लॉगर-लेखक अविजित रॉय की हत्या के समय ढाका विश्वविद्यालय में मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें बचाने की कोशिश नहीं की और जब उन्हें मारा जा रहा था पुलिसकर्मी खड़े देख रहे थे। यह आरोप अविजित की पत्नी रफीदा अहमद बन्ना ने बुधवार को पुलिसकर्मियों पर लगाए हैं।
26 जनवरी को हुए इस हमले में बन्ना को भी गंभीर चोटें आई थीं। उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा, "जब अविजित और मेरे ऊपर बेरहमी से हमला किया जा रहा था, उस समय पुलिस पास में खड़ी थी, लेकिन उसने कार्रवाई नहीं की।"
उन्होंने लिखा, "अब हम मांग करते हैं कि बांग्लादेशी सरकार हत्यारों को सजा दिलाने के लिए अपने सभी अधिकारों का प्रयोग करे।"
बीडीन्यूज24 डॉट कॉम की रपट के मुताबिक, घटना के कुछ दिन पहले अमेरिका से ढाका पहुंचे इस दंपति पर अमर एकुशी पुस्तक मेले से वापस लौटते समय विश्वविद्यालय परिसर में पेशेवर हमलावरों ने धारदार हथियार से हमला कर दिया था।
हमले में उनके सिर में गहरे घाव हो गए थे जिस कारण कुछ घंटों बाद रॉय की ढाका मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में मौत हो गई थी। बन्ना के सिर में कई चोटें आई थीं, और उनका एक अंगूठा कट गया था।
पेशे से बायो-इंजीनियर रॉय ने कट्टरपंथियों को नाराज कर दिया था। वह धार्मिक कट्टरपंथ के खिलाफ लिखते थे जिस कारण उन्हें कई बार जान से मारने की धमकियां मिल चुकी थीं।
बन्ना एक अमेरिकी नागरिक हैं और अमेरिकी विदेश विभाग ने उनके विदेश वापसी की व्यवस्था कराई जिसके बाद वह अपने देश वापस लौट आईं।
जासूसी शाखा इस हत्याकांड की जांच कर रही है। इस जांच में वह एफबीआई (अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी) की भी मदद ले रही है।
3 मार्च को बांग्लादेश के अपराध-रोधी बल रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) ने मुख्य संदिग्ध कट्टरपंथी ब्लॉगर फराबी शफीउर रहमान को गिरफ्तार किया था।
जासूसों का कहना है कि वे इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि हमला फराबी के समर्थकों ने किया है अथवा स्वयं उसने किया है।
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