सिओल:
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नार्वे के अपने समकक्ष जेन्स स्टोलटेनबर्ग से मुलाकात के दौरान कहा कि भारत दो भारतीय बच्चों को बाल कल्याण विभाग की ओर से अपने संरक्षण में लिए जाने संबंधी विवाद का ‘सौहार्दपूर्ण’ तथा ‘अच्छा’ समाधान चाहता है।
मनमोहन परमाणु सुरक्षा सम्मेलन में शामिल होने के लिए सिओल पहुंचे हैं। दोनों की मुलाकात यहीं हुई। भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा कि इस विवाद का समाधान कानून के दायरे में किया जाना चाहिए।
भारतीय राजनयिक सूत्रों ने बताया कि इस मुलाकात के दौरान मनमोहन ने कहा, ‘हम ऐसा सौहार्दपूर्ण और अच्छा समाधान चाहते हैं जो बच्चों के हित और कानून के दायरे में हो।’ सूत्रों ने कहा, ‘मनमोहन ने भारत में पारिवारिक मूल्यों की गहरी भावना और उस अहसास पर जोर दिया कि बच्चों की देखभाल मां-बाप ही सबसे अच्छे ढंग से कर सकते हैं।’ भारत के दोनों बच्चों अभिज्ञान (3) और ऐश्वर्या (1) को बीते साल मई में नार्वे के बाल कल्याण विभाग ने ‘भावनात्मक विलगाव’ का हवाला देकर अपने संरक्षण में ले लिया था।
स्टोलेनबर्ग ने मनमोहन से कहा कि स्थानीय निकाय अदालत और संबंधित पक्षों से बात करके आगे का कदम उठाने की योजना बना रहा है।
मनमोहन परमाणु सुरक्षा सम्मेलन में शामिल होने के लिए सिओल पहुंचे हैं। दोनों की मुलाकात यहीं हुई। भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा कि इस विवाद का समाधान कानून के दायरे में किया जाना चाहिए।
भारतीय राजनयिक सूत्रों ने बताया कि इस मुलाकात के दौरान मनमोहन ने कहा, ‘हम ऐसा सौहार्दपूर्ण और अच्छा समाधान चाहते हैं जो बच्चों के हित और कानून के दायरे में हो।’ सूत्रों ने कहा, ‘मनमोहन ने भारत में पारिवारिक मूल्यों की गहरी भावना और उस अहसास पर जोर दिया कि बच्चों की देखभाल मां-बाप ही सबसे अच्छे ढंग से कर सकते हैं।’ भारत के दोनों बच्चों अभिज्ञान (3) और ऐश्वर्या (1) को बीते साल मई में नार्वे के बाल कल्याण विभाग ने ‘भावनात्मक विलगाव’ का हवाला देकर अपने संरक्षण में ले लिया था।
स्टोलेनबर्ग ने मनमोहन से कहा कि स्थानीय निकाय अदालत और संबंधित पक्षों से बात करके आगे का कदम उठाने की योजना बना रहा है।