पीएम नरेंद्र मोदी का स्वागत करते डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया
वाशिंगटन:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ द्विपक्षीय वार्ता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्हाइट हाउस पहुंच चुके हैं. व्हाइट हाउस पहुंचने पर खुद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया ने उनका स्वागत किया. दोनों नेताओं ने गर्मजोशी के साथ हाथ मिलाया. उसके बाद दोनों नेता व्हाइट हाउस के अंदर चले गए. इस मौके पर वहां मौजूद मीडियाकर्मियों से पीएम मोदी ने कहा, ट्रंप दूर की सोचते हैं. उन्होंने सम्मान के लिए ट्रंप को शुक्रिया कहा और कहा कि ट्रंप की बातें यादों में हैं.
ट्रंप और उनकी पत्नी ने मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया और व्हाइट हाउस में भीतर जाने से पहले वे एकदूसरे से संक्षिप्त बातचीत करते हुए और हालचाल पूछते हुए दिखे. मोदी से अपनी वार्ता से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत बहुत अच्छा काम कर रहा है और ऐसे महान प्रधानमंत्री का स्वागत करना सम्मान की बात है.
जब दोनों नेता बैठक के लिए बैठे तब मोदी ने गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए ट्रंप और उनकी पत्नी के प्रति आभार जताया. उन्होंने कहा कि उनका स्वागत भारत के 125 करोड़ नागरिकों का स्वागत है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि ट्रंप भारत की प्रगति और आथर्कि तरक्की पर ध्यान देते रहे हैं. उन्होंने याद किया कि ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने से पहले 2014 में भारत की यात्रा की थी और अच्छी टिप्प्णी की थी.
पहली शिखर बैठक के लिए जमीन अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने तय की जिसने कश्मीरी आतंकवादी समूह हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन को मुलाकात से कुछ ही घंटे पहले वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद के खिलाफ एक कड़ा संदेश दिया जिससे भारत प्रभावित हो रहा है. बैठक से पहले मोदी ने कहा था कि भारत-अमेरिका के रणनीतिक संबंध 'आकाट्य तर्क' पर आधारित हैं और आतंकवाद, कट्टरपंथी विचारधारा और गैर पारंपरिक खतरों से दुनिया की रक्षा करने में दोनों देशों का अधिभावी हित है.
दोनों नेताओं के बीच व्हाइट हाउस में पहली शिखर बैठक है. इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ होने वाली पहली शिखर बैठक की जमीनी तैयारियों के सिलसिले में भारतीय नेता से मुलाकात की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने इस मुलाकात को लेकर ट्वीट किया, 'दोनों नेताओं के बीच मुलाकात के लिए तैयारियां हो रही हैं. विदेश मंत्री श्रीमान रेक्स डब्ल्यू टिलरसन ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की.' टिलरसन ने होटल विलार्ड इंटरकोंटिनेंटल में मोदी से मुलाकात की जहां प्रधानमंत्री ठहरे हुए हैं. इससे पूर्व दिन में रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने भी प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी. मोदी की वाशिंगटन यात्रा से पूर्व टिलरसन ने कहा था कि उनकी इस यात्रा से भारत-अमेरिका संबंध मजबूत होंगे और आतंकवाद से मुकाबले तथा आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के साझा हितों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी.
दोनों नेता अपनी इस पहली शिखर बैठक में कारोबार और आतंकवाद से निपटने समेत साझा हितों से जुड़े व्यापक 'कूटनीतिक मुद्दों' पर चर्चा करेंगे. मोदी और ट्रंप विभिन्न अवसरों पर एक दूसरे के साथ कई घंटे बिताएंगे जिनमें उनकी एक दूसरे से सीधी बात, प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता, स्वागत समारोह और रात्रिभोज भी शामिल है. ट्रंप ने अपने सरकारी ट्वीटर हैंडल (एपीओटीयूएस) पर पोस्ट किया था, 'सोमवार को व्हाईट हाउस में भारतीय प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करने का इंतजार है.' मोदी ने इसके जवाब में 'गर्मजोशीपूर्ण स्वागत' के लिए ट्रंप का आभार जताया और कहा कि उन्हें बैठक और चर्चाओं का बहुत इंतजार है. मोदी के लिए ट्रंप जो 'वर्किंग डिनर' दे रहे हैं, वह मौजूदा अमेरिकी प्रशासन के तहत अपनी किस्म का पहला रात्रिभोज है.
व्हाईट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने कहा था, 'बैठक के दौरान, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जारी सहयोग के मुद्दों पर विचार विमर्श करेंगे जिनमें आतंकवाद से मुकाबला, भारत-प्रशांत क्षेत्र में रक्षा सहयोग, कारोबार, कानून प्रवर्तन और ऊर्जा शामिल हैं. अमेरिका में भारतीय राजदूत नवतेज सरना ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच पहली आमने सामने की मुलाकात दोनों को भारत अमेरिका साझेदारी के पूरे परिदृश्य पर नजर डालने और वैश्विक हित से जुड़े मुद्दों पर विचारों के आदान प्रदान का मौका देगी.
वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित एक संपादकीय में प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा है कि भारत और अमेरिका एक ऐसी गहरी और मजबूत साझेदारी बना रहे हैं जो कि बेल्टवे और रायसीना हिल से कहीं आगे तक जाती है. बेल्टवे अंतरराज्यीय 495 नामक राजमार्ग है जो वाशिंगटन डीसी के चारों ओर से गुजरता है जबकि रायसीना हिल नई दिल्ली में भारत सरकार की सत्ता का केंद्र है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अनिश्चित नजर आ रहे वैश्विक परिदृश्य में भारत और अमेरिका विकास और नवोन्मेष के साझा मजबूत इंजनों की तरह खड़े हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ होने वाली अपनी मुलाकात से पूर्व मोदी ने यह बातें कही हैं. मोदी ने पिछले जून में वाशिंगटन की अपनी यात्रा और अमेरिकी कांग्रेस के साझा सत्र के अपने संबोधन को याद किया जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध 'इतिहास की झिझक' पर काबू पा चुके हैं. उन्होंने कहा, 'एक साल बाद, मैं अमेरिका लौटा हूं और हमारे दोनों देशों के बीच मेलजोल बढ़ने का मुझे विश्वास है.'
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'यह विश्वास हमारे साझा मूल्यों और हमारी व्यवस्थाओं की स्थिरता से उपजता है. हमारे लोगों और संस्थानों ने तेजी से लोकतांत्रिक बदलावों को नवीकरण और पुनरुत्थान के कारकों के रूप में देखा है.' उन्होंने कहा कि एक दूसरे के राजनीतिक मूल्यों में भरोसा और एक दूसरे की समृद्धि में मजबूत भरोसा दोनों देशों के बीच वृहद साझेदारी का वाहक बना है. उन्होंने कहा, 'हमारी कूटनीतिक भागीदारी का तर्क अकाट्य है.'
उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि रक्षा क्षेत्र साझा लाभ सहयोग का क्षेत्र रहा है. मोदी की अमेरिका यात्रा की पूर्व संध्या पर ट्रंप प्रशासन ने इन रिपोर्टों को खारिज किया था कि वह भारत की अनदेखी कर रहा है. प्रशासन ने कहा था कि राष्ट्रपति ट्रंप को यह अहसास है कि यह देश विश्व में 'भलाई के लिए, एक ताकत' रहा है और इसके साथ संबंध महत्वपूर्ण हैं.
ट्रंप और उनकी पत्नी ने मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया और व्हाइट हाउस में भीतर जाने से पहले वे एकदूसरे से संक्षिप्त बातचीत करते हुए और हालचाल पूछते हुए दिखे. मोदी से अपनी वार्ता से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत बहुत अच्छा काम कर रहा है और ऐसे महान प्रधानमंत्री का स्वागत करना सम्मान की बात है.
जब दोनों नेता बैठक के लिए बैठे तब मोदी ने गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए ट्रंप और उनकी पत्नी के प्रति आभार जताया. उन्होंने कहा कि उनका स्वागत भारत के 125 करोड़ नागरिकों का स्वागत है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि ट्रंप भारत की प्रगति और आथर्कि तरक्की पर ध्यान देते रहे हैं. उन्होंने याद किया कि ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने से पहले 2014 में भारत की यात्रा की थी और अच्छी टिप्प्णी की थी.
पहली शिखर बैठक के लिए जमीन अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने तय की जिसने कश्मीरी आतंकवादी समूह हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन को मुलाकात से कुछ ही घंटे पहले वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद के खिलाफ एक कड़ा संदेश दिया जिससे भारत प्रभावित हो रहा है. बैठक से पहले मोदी ने कहा था कि भारत-अमेरिका के रणनीतिक संबंध 'आकाट्य तर्क' पर आधारित हैं और आतंकवाद, कट्टरपंथी विचारधारा और गैर पारंपरिक खतरों से दुनिया की रक्षा करने में दोनों देशों का अधिभावी हित है.
दोनों नेताओं के बीच व्हाइट हाउस में पहली शिखर बैठक है. इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ होने वाली पहली शिखर बैठक की जमीनी तैयारियों के सिलसिले में भारतीय नेता से मुलाकात की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने इस मुलाकात को लेकर ट्वीट किया, 'दोनों नेताओं के बीच मुलाकात के लिए तैयारियां हो रही हैं. विदेश मंत्री श्रीमान रेक्स डब्ल्यू टिलरसन ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की.' टिलरसन ने होटल विलार्ड इंटरकोंटिनेंटल में मोदी से मुलाकात की जहां प्रधानमंत्री ठहरे हुए हैं. इससे पूर्व दिन में रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने भी प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी. मोदी की वाशिंगटन यात्रा से पूर्व टिलरसन ने कहा था कि उनकी इस यात्रा से भारत-अमेरिका संबंध मजबूत होंगे और आतंकवाद से मुकाबले तथा आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के साझा हितों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी.
दोनों नेता अपनी इस पहली शिखर बैठक में कारोबार और आतंकवाद से निपटने समेत साझा हितों से जुड़े व्यापक 'कूटनीतिक मुद्दों' पर चर्चा करेंगे. मोदी और ट्रंप विभिन्न अवसरों पर एक दूसरे के साथ कई घंटे बिताएंगे जिनमें उनकी एक दूसरे से सीधी बात, प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता, स्वागत समारोह और रात्रिभोज भी शामिल है. ट्रंप ने अपने सरकारी ट्वीटर हैंडल (एपीओटीयूएस) पर पोस्ट किया था, 'सोमवार को व्हाईट हाउस में भारतीय प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करने का इंतजार है.' मोदी ने इसके जवाब में 'गर्मजोशीपूर्ण स्वागत' के लिए ट्रंप का आभार जताया और कहा कि उन्हें बैठक और चर्चाओं का बहुत इंतजार है. मोदी के लिए ट्रंप जो 'वर्किंग डिनर' दे रहे हैं, वह मौजूदा अमेरिकी प्रशासन के तहत अपनी किस्म का पहला रात्रिभोज है.
व्हाईट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने कहा था, 'बैठक के दौरान, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जारी सहयोग के मुद्दों पर विचार विमर्श करेंगे जिनमें आतंकवाद से मुकाबला, भारत-प्रशांत क्षेत्र में रक्षा सहयोग, कारोबार, कानून प्रवर्तन और ऊर्जा शामिल हैं. अमेरिका में भारतीय राजदूत नवतेज सरना ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच पहली आमने सामने की मुलाकात दोनों को भारत अमेरिका साझेदारी के पूरे परिदृश्य पर नजर डालने और वैश्विक हित से जुड़े मुद्दों पर विचारों के आदान प्रदान का मौका देगी.
वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित एक संपादकीय में प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा है कि भारत और अमेरिका एक ऐसी गहरी और मजबूत साझेदारी बना रहे हैं जो कि बेल्टवे और रायसीना हिल से कहीं आगे तक जाती है. बेल्टवे अंतरराज्यीय 495 नामक राजमार्ग है जो वाशिंगटन डीसी के चारों ओर से गुजरता है जबकि रायसीना हिल नई दिल्ली में भारत सरकार की सत्ता का केंद्र है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अनिश्चित नजर आ रहे वैश्विक परिदृश्य में भारत और अमेरिका विकास और नवोन्मेष के साझा मजबूत इंजनों की तरह खड़े हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ होने वाली अपनी मुलाकात से पूर्व मोदी ने यह बातें कही हैं. मोदी ने पिछले जून में वाशिंगटन की अपनी यात्रा और अमेरिकी कांग्रेस के साझा सत्र के अपने संबोधन को याद किया जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध 'इतिहास की झिझक' पर काबू पा चुके हैं. उन्होंने कहा, 'एक साल बाद, मैं अमेरिका लौटा हूं और हमारे दोनों देशों के बीच मेलजोल बढ़ने का मुझे विश्वास है.'
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'यह विश्वास हमारे साझा मूल्यों और हमारी व्यवस्थाओं की स्थिरता से उपजता है. हमारे लोगों और संस्थानों ने तेजी से लोकतांत्रिक बदलावों को नवीकरण और पुनरुत्थान के कारकों के रूप में देखा है.' उन्होंने कहा कि एक दूसरे के राजनीतिक मूल्यों में भरोसा और एक दूसरे की समृद्धि में मजबूत भरोसा दोनों देशों के बीच वृहद साझेदारी का वाहक बना है. उन्होंने कहा, 'हमारी कूटनीतिक भागीदारी का तर्क अकाट्य है.'
उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि रक्षा क्षेत्र साझा लाभ सहयोग का क्षेत्र रहा है. मोदी की अमेरिका यात्रा की पूर्व संध्या पर ट्रंप प्रशासन ने इन रिपोर्टों को खारिज किया था कि वह भारत की अनदेखी कर रहा है. प्रशासन ने कहा था कि राष्ट्रपति ट्रंप को यह अहसास है कि यह देश विश्व में 'भलाई के लिए, एक ताकत' रहा है और इसके साथ संबंध महत्वपूर्ण हैं.
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