प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां युद्ध स्मारक पर अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष टोनी एबट को सिख बटालियन की धरोहर मान सिंह ट्रॉफी भेंट की। ऑस्ट्रेलिया की राजधानी में अपने पहले कार्यक्रम में मोदी आज सुबह एबट के साथ युद्ध स्मारक गए।
ऑस्ट्रेलिया के चार शहरों की यात्रा के तीसरे चरण में मोदी यहां एयर इंडिया के विशेष विमान से पहुंचे।
मोदी ने एबट को ट्रॉफी भेंट की और युद्ध स्मारक पर आगंतुक पुस्तिका पर हस्ताक्षर भी किया।
प्रथम विश्वयुद्ध में अक्तूबर 1914 से मई 1917 तक मिस्र के गल्लीपोली, सिनई और मेसोपोटामिया में सेवा देने वाले बटालियन के अधिकारियों ने पहले विश्वयुद्ध में अदम्य वीरता का प्रदर्शन करने वाले सिपाहियों की याद में इसका निर्माण किया।
मान सिंह के नाम पर यह ट्रॉफी उनकी शरीरिक शक्ति और जुझारुपन के साथ सिपाही के गुण और पेशवर क्षमता को मान्यता प्रदान करते हुए पेश की गई।
छह फुट और चार इंच लंबे सिंह को मजबूत व्यक्ति माना जाता था, जो बड़ी बाधाओं और खाइयों को आसानी से पार करने में सक्षम माने जाते थे। ऐसा भी कहा जाता है कि वह 50 गज की दूरी से ग्रेनेड फेंक सकते थे। इस ट्रॉफी में कई अनोखी बातें हैं, जिसमें सिंह को गलत पैर में जूता पहने, झोला एक ही पट्टी से पीठ पर लटकाए, खाई में ग्रेनेड के स्थान पर गाढ़े दूध के डिब्बे और खुली मुद्रा में राइफल के बोल्ट को दर्शाया गया है।
यह ट्रॉफी सिख रेजिमेंट को 1 सिख (अब 4 एमईसीएच आईएनएफ) ने सेवा के 125 वर्ष पूरे होने के मौके पर भेंट की थी। सभी सिख रेजिमेंट बटालियन के पास इस ट्रॉफी का कांसे का प्रतिरूप है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं