नेपेडा:
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह म्यांमार के तीन दिवसीय दौरे पर रविवार को राजधानी नेपेडा पहुंच गए। इस दौरान वह तेल सम्पदा से सम्पन्न इस पूर्वी पड़ोसी देश के साथ व्यापार और ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की सम्भावनाएं तलाशेंगे। पिछले करीब 25 वर्ष में यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली म्यांमार यात्रा है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह म्यांमार के राष्ट्रपति थेन सिएन से सोमवार को राजधानी नेपेडा में मुलाकात करेंगे, जो यहां की अर्द्ध नागरिक सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं और जिन्होंने पिछले करीब एक साल में देश में कई राजनीतिक सुधार किए हैं।
प्रधानमंत्री मंगलवार को यंगून जाएंगे जहां उनकी मुलाकात लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू ची से होगी। उनके साथ उनकी पत्नी गुरशरण कौर, विदेश मंत्री एसएम कृष्णा तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी हैं।
पिछले करीब 25 वर्ष में यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली म्यांमार यात्रा है। इससे पहले वर्ष 1987 में राजीव गांधी बतौर प्रधानमंत्री म्यांमार के दौरे पर गए थे।
प्रधानमंत्री की इस यात्रा के दौरान मुख्य जोर द्विपक्षीय व्यापारिक सहयोग बढ़ाने और दोनों देशों के बीच सम्पर्क शुरू करने पर होगा।
मनमोहन सिंह 'इंडिया एंड म्यांमार : अ पार्टनरशिप फॉर प्रोग्रेस एंड रीजनल डेवेलपमेंट' नाम से आयोजित होने वाले कार्यक्रम में भी शिरकत करेंगे।
वह ऐतिहासिक श्वेदागोन पैगोडा और अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के यंगून स्थित मकबरे पर भी जाएंगे।
विदेश सचिव रंजन मथाई ने कहा कि इस कार्यक्रम की रूपरेखा पिछले साल म्यांमार के राष्ट्रपति के भारत दौरे के दौरान ही तय कर ली गई थी।
प्रधानमंत्री की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच एक बस सेवा शुरू करने के समझौते पर हस्ताक्षर की भी उम्मीद है, जो मणिपुर में इम्फाल और म्यांमार मंडाले को जोड़ेगी। प्रधानमंत्री की म्यांमार यात्रा से पहले गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।
बड़ी भारतीय कम्पनियों के कार्यकारी अधिकारियों का एक दल भी प्रधानमंत्री के साथ है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह म्यांमार के राष्ट्रपति थेन सिएन से सोमवार को राजधानी नेपेडा में मुलाकात करेंगे, जो यहां की अर्द्ध नागरिक सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं और जिन्होंने पिछले करीब एक साल में देश में कई राजनीतिक सुधार किए हैं।
प्रधानमंत्री मंगलवार को यंगून जाएंगे जहां उनकी मुलाकात लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू ची से होगी। उनके साथ उनकी पत्नी गुरशरण कौर, विदेश मंत्री एसएम कृष्णा तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी हैं।
पिछले करीब 25 वर्ष में यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली म्यांमार यात्रा है। इससे पहले वर्ष 1987 में राजीव गांधी बतौर प्रधानमंत्री म्यांमार के दौरे पर गए थे।
प्रधानमंत्री की इस यात्रा के दौरान मुख्य जोर द्विपक्षीय व्यापारिक सहयोग बढ़ाने और दोनों देशों के बीच सम्पर्क शुरू करने पर होगा।
मनमोहन सिंह 'इंडिया एंड म्यांमार : अ पार्टनरशिप फॉर प्रोग्रेस एंड रीजनल डेवेलपमेंट' नाम से आयोजित होने वाले कार्यक्रम में भी शिरकत करेंगे।
वह ऐतिहासिक श्वेदागोन पैगोडा और अंतिम मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के यंगून स्थित मकबरे पर भी जाएंगे।
विदेश सचिव रंजन मथाई ने कहा कि इस कार्यक्रम की रूपरेखा पिछले साल म्यांमार के राष्ट्रपति के भारत दौरे के दौरान ही तय कर ली गई थी।
प्रधानमंत्री की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच एक बस सेवा शुरू करने के समझौते पर हस्ताक्षर की भी उम्मीद है, जो मणिपुर में इम्फाल और म्यांमार मंडाले को जोड़ेगी। प्रधानमंत्री की म्यांमार यात्रा से पहले गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी।
बड़ी भारतीय कम्पनियों के कार्यकारी अधिकारियों का एक दल भी प्रधानमंत्री के साथ है।