पाकिस्तान के कराची में पिछले महीने पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) के विमान के हादसे की वजह मानवीय गलती थी. प्राथमिक जांच रिपोर्ट के मुताबिक दुर्घटना विमान के कॉकपिट में बैठे चालक दल और हवाई यातायात नियंत्रण (ATC) की लापरवाही की वजह से हुई न कि विमान में तकनीकी खामी की वजह से. उल्लेखनीय है कि इस दुघर्टना में 97 लोगों की मौत हो गई थी. PIA का विमान 22 मई को लाहौर से कराची के लिए रवाना हुआ था, लेकिन कराची स्थित जिन्ना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नजदीक उतरने से महज कुछ मिनट पहले यह रिहायशी इलाके में हादसे का शिकार हो गया.
एयरबस ए-320 मॉडल के इस विमान में 91 यात्री और चालक दल के आठ सदस्य सवार थे. इस हादसे में दो यात्री चमत्कारी तरीके से बच गए थे, जबकि विमान में सवार अन्य 97 लोगों के साथ जमीन पर एक लड़की की जलने से मौत हो गई थी. मामले की जांच के लिए सरकार ने आयोग का गठन किया था, जिसकी प्रारंभिक रिपोर्ट 22 जून को संसद को साझा की जानी थी, लेकिन उड्डयन मंत्री गुलाम सरवर खान ने यह रिपोर्ट संसद के बजाय प्रधानमंत्री इमरान खान को सौंपी.
अधिकारियों ने बताया कि रिपोर्ट के मुताबिक पायलट और एटीसी के अधिकारी प्राथमिक रूप से दुर्घटना के लिए जिम्मेदार हैं. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक शुरुआती जांच रिर्पोट में कहा गया है कि सीएए कर्मचारी, कॉकपिट में बैठे चालक दल के सदस्य, विमान नियंत्रण टॉवर और एटीसी ने लगातार कई गलतियां की. रिपोर्ट में कहा गया कि ब्लैक बॉक्स में अभी तक तकनीकी खामी के कोई संकेत नहीं मिले हैं.
रिपोर्ट में कहा गया कि जब पायलट ने पहली बार विमान उतारने की कोशिश की तब ऊंचाई और गति दोनों मानक से अधिक थी. रिपोर्ट के मुताबिक पहली बार विमान जब उतरने की कोशिश कर रहा था तब इसके 9,000 मीटर लंबी हवाई पट्टी के मध्य में भूमि को स्पर्श किया. वहीं हवाई यातायात नियंत्रण कक्ष ने अधिक गति और ऊंचाई होने के बावजूद विमान को उतरने की अनुमति दी.
अखबार के मुताबिक पायलट ने भी लैंडिंग गियर के जाम होने की सूचना नियंत्रण टावर को नहीं दी. पायलट द्वारा विमान को दोबारा उतारने की कोशिश गलत फैसला था. रिपोर्ट के मुताबिक पहली बार विमान उतारने की कोशिश नाकाम होने के बाद 17 मिनट तक वह हवा में उड़ता रहा, यह बहुत अहम समय था जब विमान के दोनों इंजन ने काम करना बंद कर दिया. रिपोर्ट के मुताबिक पीआईए विमान का इंजन 12 घंटे तक हवाई पट्टी पर रहा, लेकिन कर्मचारियों ने उसे नहीं हटाया और बाद में अन्य विमान को वहां पर उतरने की अनुमति दे दी, जो मानक परिचालन प्रक्रिया का उल्लंघन है.
अखबार के रिपोर्ट के हवाले से बताया कि हवाई यातायात नियंत्रण के कार्य में लगे कर्मचारियों को घटना के बाद छुट्टी दे देनी चाहिए लेकिन वे शाम सात बजे तक काम करते रहे. उल्लेखनीय है कि इस जांच आयोग का नेतृत्व एयर कमोडोर उस्मान घनी कर रहे थे और सोमवार को रिपोर्ट जमा करने के दौरान उन्होंने उ्ड्डयन मंत्रालय को विस्तृत जानकारी दी.
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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं