
मोहनजोदड़ो की खुदाई में निकली मूर्ति.
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एक वकील ने लाहौर उच्च न्यायालय से गुहार लगाई
कांसे की प्राचीन मूर्ति मोहनजोदड़ो से निकाली जाने का दावा
करीब 60 साल पहले भारत भेजी गई थी मूर्ति
एक्सप्रेस न्यूज की मंगलवार को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि कांसे की यह प्राचीन मूर्ति मोहनजोदड़ो से निकली थी और दिल्ली की राष्ट्रीय कला परिषद के आग्रह पर प्रदर्शन के लिए करीब 60 साल पहले भारत भेजी गई थी. भारत ने बाद में उस मूर्ति को लौटाने से इनकार कर दिया.
अधिवक्ता जावेद इकबाल जाफरी ने सोमवार को यह याचिका दायर कर 'डांसिंग गर्ल' मूर्ति वापस मंगाने का आग्रह किया. वकील का दावा है कि मूर्ति वास्तव में लाहौर संग्रहालय की संपत्ति है. उन्होंने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से इस मामले में स्वत: संज्ञान लेने और सरकार को भारत से मूर्ति वापस मंगाने का निर्देश देने का आग्रह किया है.
जाफरी ने कहा है कि पांच हजार साल पुरानी इस मूर्ति का पाकिस्तान में वही ऐतिहासिक महत्व है जो मोनालिसा का यूरोप में है. वकील ने दलील दी है कि कांस्य कलाकृति पाकिस्तान की सांस्कृतिक धरोहर है और उसके संरक्षण की आवश्यकता है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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