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This Article is From Aug 04, 2017

तानाशाह ही पाकिस्तान को सही रास्ते पर लाए, नागरिक सरकारों ने तो हमेशा बर्बाद किया : परेवज मुशर्रफ

एक इंटरव्यू में मुशर्रफ ने पाकिस्तान के पूर्व सैन्य तानाशाहों की तारीफ़ करते हुए कहा कि तानाशाह हमेशा पाकिस्तान को सही रास्ते पर लाते हैं जबकि नागरिक सरकारें उसे बरबाद कर देती हैं.

तानाशाह ही पाकिस्तान को सही रास्ते पर लाए, नागरिक सरकारों ने तो हमेशा बर्बाद किया : परेवज मुशर्रफ
परवेज मुशर्रफ ने तानाशाही की तारीफ की
दुबई: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने कहा है कि मिलिट्री ही पाकिस्तान को हर बार ट्रैक पर लाती है, लेकिन लोकतांत्रिक सरकारें उसे पटरी से उतार देती हैं. एक इंटरव्यू में मुशर्रफ ने पाकिस्तान के पूर्व सैन्य तानाशाहों की तारीफ़ करते हुए कहा कि तानाशाह हमेशा पाकिस्तान को सही रास्ते पर लाते हैं जबकि नागरिक सरकारें उसे बरबाद कर देती हैं. उन्होंने दावा किया कि सैन्य शासन हमेशा पाकिस्तान में तरक्की लाया है. आगे मुशर्रफ़ ने कहा कि जब तक तरक्की और ख़ुशहाली रहती है तब तक इससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता कि देश में आवाम की चुनी सरकार पाकिस्तान की सत्ता चला रही है या एक तानाशाह. उन्होंने कहा कि चुनाव कराने और जनता को आज़ादी देना का मतलब क्या है अगर देश की तरक्की ही न हो

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इससे पाकिस्तान के पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ ने कहा था कि उन्होंने 2001 में भारतीय संसद पर आतंकी हमले के बाद उपजे तनाव के बीच भारत के खिलाफ परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने के बारे में विचार किया था, लेकिन प्रतिक्रिया के डर से ऐसा नहीं करने का फैसला किया. जापानी दैनिक 'मैनिची शिम्बुन' के अनुसार, मुशर्रफ (73) ने यह भी याद किया कि कैसे वह कई रात सो नहीं पाए और खुद से यह सवाल करते रहे कि क्या परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेंगे या परमाणु हथियारों की तैनाती कर सकते हैं.

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मुशर्रफ ने इसका खुलासा किया कि भारतीय संसद पर आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पैदा होने के बीच उन्होंने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल के बारे में विचार किया, लेकिन प्रतिक्रिया के डर से ऐसा नहीं करने का फैसला किया. पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति के हवाले से अखबार ने कहा कि 2002 में तनाव चरम पर था और ऐसा खतरा था कि परमाणु हथियारों की दहलीज लांघी जा सकती थी.

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