इस्लामाबाद:
भारत आकर पठानकोट हमले की जांच करने के बाद लौटी पाकिस्तान की जेआईटी ने पठानकोट हमले को भारत का ड्रामा करार दिया है। पाकिस्तान के एक अख़बार पाकिस्तान टुडे में इस रिपोर्ट के लीक होने की ख़बर को भारतीय एजेंसियां बहुत सावधानी से देख रही हैं। फिलहाल ये साफ़ है कि दोनों जांच एजेंसियों का रुख एक-दूसरे से अलग है।
भारत का दावा है कि सीमा पार से घुसपैठ कर हमला किया गया है, जबकि पाकिस्तान कह रहा है कि सीमा की सुरक्षा देखते हुए घुसपैठ मुमकिन नहीं। भारत ने एक हमलावर के डीएनए के नमूने दिए हैं, लेकिन पाकिस्तान कहता है कि इसका मिलान किससे करें - यही बात आवाज़ के नमूनों के बारे में कही जा रही है - भारत कह रहा है - पाकिस्तान आतंकियों तक पहुंचे, जबकि पाकिस्तान का कहना है कि साज़िश उसके यहां नहीं हुई।
जाहिर है, पाक जेआईटी को भारत आने देने का मामला सवालों से घिर गया है। इसको लेकर सरकार सफ़ाई दे रही है तो विपक्ष हमले कर रहा है।
सरकार के वरिष्ठ मंत्री मंत्री वेंकैया नायडू का कहना है, "पाकिस्तान को साफ़ करना है कि आतंकवाद को लेकर उसका क्या रुख है वो कभी हां कभी ना नहीं कह सकता।" कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित का कहना था, "जिन्होंने हमला करवाया उन्हीं को हम बुलाकर कह रहे हैं कि आप जांच कर लो।"
इत्तिफाक से जिस समय पाक जेआईटी भारत का दौरा कर रही थी उसी समय पाकिस्तान ने एक भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव को पकड़ने का दावा किया। जाहिर है, भारत-पाकिस्तान के बीच भरोसे की कमी साफ़ दिख रही है। जेआईटी की जांच के दौरान भी ये कमी दिखी। एनआईए का कहना है कि भारत ने पाकिस्तान को पूरे सबूत दिए। मसूद रऊफ़ काशिफ़ और लतीफ़ शरीफ़ के नाम भी दिए, ये पेशकश भी की कि जांच टीम मारे गए आतंकियों के शव देख ले, लेकिन पाक टीम ने इनकार कर दिया।
अब भारत अपनी जांच को और पुख्ता रूप देने के लिए दुनिया की बेहतरीन जांच लैब की मदद लेने की बात कह रहा है। ये साफ है कि ये रस्साकशी देर तक चलती रहेगी।
उधर भारत जनता है कि पाकिस्तान उसके द्वारा दिए गए सबूतों को अहमियत नहीं देगा इसीलिए अब वो अमेरिका और FBI से मदद मांग रहा है ताकि उन कॉल के बारे में जांच की जा सके जो उस समय हुए जब हमला हो रहा था।
भारत का दावा है कि सीमा पार से घुसपैठ कर हमला किया गया है, जबकि पाकिस्तान कह रहा है कि सीमा की सुरक्षा देखते हुए घुसपैठ मुमकिन नहीं। भारत ने एक हमलावर के डीएनए के नमूने दिए हैं, लेकिन पाकिस्तान कहता है कि इसका मिलान किससे करें - यही बात आवाज़ के नमूनों के बारे में कही जा रही है - भारत कह रहा है - पाकिस्तान आतंकियों तक पहुंचे, जबकि पाकिस्तान का कहना है कि साज़िश उसके यहां नहीं हुई।
जाहिर है, पाक जेआईटी को भारत आने देने का मामला सवालों से घिर गया है। इसको लेकर सरकार सफ़ाई दे रही है तो विपक्ष हमले कर रहा है।
सरकार के वरिष्ठ मंत्री मंत्री वेंकैया नायडू का कहना है, "पाकिस्तान को साफ़ करना है कि आतंकवाद को लेकर उसका क्या रुख है वो कभी हां कभी ना नहीं कह सकता।" कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित का कहना था, "जिन्होंने हमला करवाया उन्हीं को हम बुलाकर कह रहे हैं कि आप जांच कर लो।"
इत्तिफाक से जिस समय पाक जेआईटी भारत का दौरा कर रही थी उसी समय पाकिस्तान ने एक भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव को पकड़ने का दावा किया। जाहिर है, भारत-पाकिस्तान के बीच भरोसे की कमी साफ़ दिख रही है। जेआईटी की जांच के दौरान भी ये कमी दिखी। एनआईए का कहना है कि भारत ने पाकिस्तान को पूरे सबूत दिए। मसूद रऊफ़ काशिफ़ और लतीफ़ शरीफ़ के नाम भी दिए, ये पेशकश भी की कि जांच टीम मारे गए आतंकियों के शव देख ले, लेकिन पाक टीम ने इनकार कर दिया।
अब भारत अपनी जांच को और पुख्ता रूप देने के लिए दुनिया की बेहतरीन जांच लैब की मदद लेने की बात कह रहा है। ये साफ है कि ये रस्साकशी देर तक चलती रहेगी।
उधर भारत जनता है कि पाकिस्तान उसके द्वारा दिए गए सबूतों को अहमियत नहीं देगा इसीलिए अब वो अमेरिका और FBI से मदद मांग रहा है ताकि उन कॉल के बारे में जांच की जा सके जो उस समय हुए जब हमला हो रहा था।
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