विज्ञापन
This Article is From Nov 05, 2021

भारतीय उपमहाद्वीप के लोगों में मौजूद 'खास जीन' ने कोरोना को बनाया जानलेवा : शोध

वैज्ञानिकों ने एक विशिष्ट जीन की पहचान की है जिसकी वजह से कोविड-19 से रेस्पिरेट्री फेलियर का खतरा दो गुना बढ़ जाता है और यह भी पता लगाया है कि क्यों यह कुछ लोगों को अन्य की तुलना में बीमारी के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है.

भारतीय उपमहाद्वीप के लोगों में मौजूद 'खास जीन' ने कोरोना को बनाया जानलेवा : शोध
वैज्ञानिक अभी भी कोरोनावायरस और इससे जुड़े रहस्यों को खोजने में जुटने हुए हैं. (फाइल फोटो)
लंदन:

कोविड-19 का कहर बेशक अब कम हो गया है और विश्व भर में इससे बचाव के लिए वैक्सीनेशन किया जा रहा है, लेकिन वैज्ञानिक अभी भी इस वायरस और इससे जुड़े रहस्यों को खोजने में जुटने हुए हैं. हाल ही वैज्ञानिकों ने एक विशिष्ट जीन की पहचान की है जिसकी वजह से कोविड-19 से रेस्पिरेट्री फेलियर का खतरा दो गुना बढ़ जाता है और यह भी पता लगाया है कि क्यों यह कुछ लोगों को अन्य की तुलना में बीमारी के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया है कि जीन का एक उच्च-जोखिम संस्करण सेल लाइनिंग एयरवेज और फेफड़ों को वायरस को रेस्पॉन्ड करने से रोकता है. करीब 60 प्रतिशत दक्षिण एशियाई लोगों में जीन का यह संस्करण मौजूद है, ज​बकि केवल 15 यूरोपीय लोगों में यह पाया जाता है.

कोरोना : पिछले 24 घंटे में दर्ज हुए 12,729 नए मामले, 221 मरीजों की मौत

शोध से समझने की कोशिश की गई है कि क्यों भारतीय उपमहाद्वीप में कुछ समुदायों के लिए यह ज्यादा घातक साबित हुआ. हालांकि, शोधकर्ताओं ने यह स्पष्ट किया है कि केवल जीन को ही एकमात्र स्पष्टीकरण के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, क्योंकि सामाजिक आर्थिक स्थितियों जैसे कई अन्य कारक भी इसमें भूमिका निभाते हैं. एफ्रो-कैरेबियन लोगों पर वायरस का इतना गहरा असर होने के बावजूद इनमें से केवल दो प्रतिशत लोगों में ही जीन का उच्च जोखिम संस्करण पाया गया.

चीन में कोरोना की कवरेज को लेकर जेल में कैद पत्रकार 'मौत की कगार' पर

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक जिन लोगों में LZTFL1 नाम का जीन मौजूद है, उन्हें वैक्सीनेशन से काफी फायदा मिल सकता है. ऑक्सफोर्ड में जीनोमिक्स के एसोसिएट प्रोफेसर और को-लीड ऑथर जेम्स डेवीज ने बताया, "यह महत्वपूर्ण है क्योंकि अधिकांश उपचार वायरस के प्रति प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया में बदलाव पर केंद्रित हैं." डे​वीज और उनके साथियों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कटिंग-एज मोलिक्युलर तकनीक की मदद से इस जीन का पता लगाया है. डेवीज का कहना है कि अगर आपके शरीर में यह हायर-रिस्क जीनोटाइप है और आप को​विड 19 के शिकार बन काफी ज्यादा बीमार हुए हैं तो इस बात की संभावना 50 प्रतिशत है कि अगर आपके शरीर में यह जीन न होता तो आपकी हालत इतनी न बिगड़ती.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
पुतिन के बाद इटली की पीएम मेलोनी ने भी कहा, रूस-यूक्रेन विवाद को सुलझा सकता है भारत
भारतीय उपमहाद्वीप के लोगों में मौजूद 'खास जीन' ने कोरोना को बनाया जानलेवा : शोध
क्या रूस में पुतिन ने बना रखी है 'विष पुरुष' टीम?
Next Article
क्या रूस में पुतिन ने बना रखी है 'विष पुरुष' टीम?
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com