पेरिस में आतंकी हमले में 120 से अधिक लोगों की मौत
पेरिस:
फ्रांस की राजधानी में विभिन्न स्थानों पर आतंकी हमलों के बाद स्तब्ध फ्रांसिसी मीडिया ने दृढ़ता के साथ प्रतिक्रिया दी है। ली पेरिसिन नामक दैनिक ने घोषणा की है- ‘इस बार यह युद्ध है।’
दैनिक समाचार पत्र ली फिगारो ने भी कुछ ऐसा ही रुख अपनाते हुए हेडलाइन लगाई है, ‘मध्य पेरिस में युद्ध’। इसके साथ ही अखबार ने राजधानी पेरिस के कई इलाकों पर हुए जनसंहार के दृश्य छापे हैं।
कई अखबारों ने जनवरी में हुए जिहादी हमलों के दंश से अब भी जूझ रहे फ्रांस में एकजुटता का आह्वान किया है। जनवरी के हमलों में 17 लोग मारे गए थे।
ली पेरिसिन ने कहा, ‘कल के सच्चे शहीदों के नाम पर, मासूम पीड़ितों और गणतंत्र के नाम पर, फ्रांस एकजुट रहने और एकसाथ मिलकर खड़े रहने में समर्थ होगा।’ वाम झुकाव रखने वाले लिबरेशन दैनिक के प्रमुख ने फ्रांस से दृढ़ रहने की अपील करते हुए कहा, ‘आतंकी वहशीपन’ ने ‘ऐतिहासिक रेखा’’ लांघ दी है।
लॉरें जोफ्रिन ने एक संपादकीय में लिखा, ‘इन खूनी घटनाओं को मध्यपूर्व में हो रही घटनाओं से न जोड़कर देखना असंभव है। फ्रांस वहां अपनी भूमिका निभा रहा है। उसे यह करना जारी रखना चाहिए।’ खेलों के दैनिक समाचार पत्र एल इक्विपे ने अपना पहला पन्ना पूरी तरह काला रखा है और उसपर एक शब्द का शीर्षक लगाया है- ‘एलहारर’ जिसका अर्थ है ‘डर’।
अखबारों ने तत्काल ही व्यंग्यात्मक पत्रिका शार्ली हेब्दो पर हुए हमलों के साथ इन हमलों का संबंध जोड़ दिया। जनवरी में हुए उन हमलों में 17 लोग मारे गए थे। इसके बाद ट्विटर पर एकजुटता दिखाने के लिए कितने ही लोगों ने ‘मैं शार्ली हूं’ का हैशटैग प्रचारित कर दिया था।
रिपब्लिक देस पायरेनीस नामक क्षेत्रीय दैनिक ने लिखा, ‘हम शार्ली हैं। हम पेरिस हैं।’
दैनिक समाचार पत्र ली फिगारो ने भी कुछ ऐसा ही रुख अपनाते हुए हेडलाइन लगाई है, ‘मध्य पेरिस में युद्ध’। इसके साथ ही अखबार ने राजधानी पेरिस के कई इलाकों पर हुए जनसंहार के दृश्य छापे हैं।
कई अखबारों ने जनवरी में हुए जिहादी हमलों के दंश से अब भी जूझ रहे फ्रांस में एकजुटता का आह्वान किया है। जनवरी के हमलों में 17 लोग मारे गए थे।
ली पेरिसिन ने कहा, ‘कल के सच्चे शहीदों के नाम पर, मासूम पीड़ितों और गणतंत्र के नाम पर, फ्रांस एकजुट रहने और एकसाथ मिलकर खड़े रहने में समर्थ होगा।’ वाम झुकाव रखने वाले लिबरेशन दैनिक के प्रमुख ने फ्रांस से दृढ़ रहने की अपील करते हुए कहा, ‘आतंकी वहशीपन’ ने ‘ऐतिहासिक रेखा’’ लांघ दी है।
लॉरें जोफ्रिन ने एक संपादकीय में लिखा, ‘इन खूनी घटनाओं को मध्यपूर्व में हो रही घटनाओं से न जोड़कर देखना असंभव है। फ्रांस वहां अपनी भूमिका निभा रहा है। उसे यह करना जारी रखना चाहिए।’ खेलों के दैनिक समाचार पत्र एल इक्विपे ने अपना पहला पन्ना पूरी तरह काला रखा है और उसपर एक शब्द का शीर्षक लगाया है- ‘एलहारर’ जिसका अर्थ है ‘डर’।
अखबारों ने तत्काल ही व्यंग्यात्मक पत्रिका शार्ली हेब्दो पर हुए हमलों के साथ इन हमलों का संबंध जोड़ दिया। जनवरी में हुए उन हमलों में 17 लोग मारे गए थे। इसके बाद ट्विटर पर एकजुटता दिखाने के लिए कितने ही लोगों ने ‘मैं शार्ली हूं’ का हैशटैग प्रचारित कर दिया था।
रिपब्लिक देस पायरेनीस नामक क्षेत्रीय दैनिक ने लिखा, ‘हम शार्ली हैं। हम पेरिस हैं।’
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