- पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इस्तांबुल में अफगानिस्तान को खुली युद्ध की धमकी दी है.
- अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा पर दो हफ्ते तक युद्ध की स्थिति रही जिसमें नागरिक भी मारे गए.
- दोनों देशों के बीच तुर्की और कतर की मध्यस्थता में दूसरा संघर्षविराम स्थापित करने की कोशिशें जारी हैं.
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने शनिवार को अफगानिस्तान को खुली धमकी दी है. ख्वाजा आसिफ इस्तानबुल में थे और यहीं पर उन्होंने अफगानिस्तान को धमकाया है. उन्होंने धमकी दी और कहा कि अफगानिस्तान के साथ समझौता अगर नहीं हुआ तो फिर 'खुला युद्ध' हो सकता है. यह धमकी ऐसे समय में आई है जब कुछ दिन पहले ही अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच बॉर्डर पर एक सीजफायर हुआ है.
दो हफ्ते तक था टकराव
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक ख्वाजा आसिफ ने कहा, देखिए, अफगानिस्तान शांति चाहता है, लेकिन समझौता न होने की स्थिति में खुला युद्ध होगा.' पाकिस्तान के अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार तुर्की की राजधानी इस्तानबुल में अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच वार्ता का दूसरा दौर शुरू हुआ है. इन चर्चाओं का मकसद सुरक्षा चिंताओं को दूर करना और उनकी साझा सीमा पर स्थायी संघर्षविराम स्थापित करना है.
गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच बॉर्डर पर दो हफ्ते तक युद्ध की स्थिति थी. दोनों देशों के टकराव में दर्जनों लोग मारे गए जिनमें नागरिक भी शामिल थे. यह संघर्ष काबुल में हुए विस्फोटों के बाद शुरू हुआ. इसके लिए तालिबान सरकार ने पाकिस्तान का दोषी ठहराया था. फिर अफगानिस्तान ने इसके जवाब में सीमा पर जवाबी हमले किए.
कुछ ही दिनों में टूटा सीजफायर
दोनों पक्षों ने शुरू में संघर्षविराम पर सहमति जताई थी, लेकिन यह कुछ ही दिनों में टूट गया. अफगानिस्तान ने इसके लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया था. पिछले दिनों कतर और तुर्की के मध्यस्थता के माध्यम से दूसरा संघर्षविराम तय हुआ. फिलहाल ऐसा लगता है कि दोनों देशों के बीच शांति है. न्यूज एजेंसी एएफपी के अनुसार इस्तानबुल में जारी चर्चाओं में शामिल प्रतिनिधि पिछली मीटिंग्स में तय हुई स्थिरता को कायम रखने के सिस्टम का ब्लूप्रिंट जारी होने की उम्मीद कर रहे हैं. वार्ता का समय और सटीक स्थान अभी सार्वजनिक नहीं किया गया.
आतंकवाद का आरोप लगाता पाक
अफगानिस्तान के प्रवक्ता जबिहुल्लाह मुजाहिद ने शुक्रवार को एक्स पर लिखा था, 'इस्लामिक अमीरात का प्रतिनिधिमंडल, जिसका नेतृत्व सम्मानित उप गृह मंत्री हाजी नजीब कर रहे हैं, कुछ दिन पहले हुए दोहा समझौते के बाद तुर्की के लिए रवाना हुआ है. बाकी मसलों पर चर्चा इसी बैठक में होगी.' उन्होंने कहा कि तालिबान सरकार अफगानिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करना चाहती है, जबकि पाकिस्तान का कहना है कि वार्ता में 'अफगान सरजमीं से पाकिस्तान की ओर फैल रहे आतंकवाद की समस्या' को संबोधित किया जाना चाहिए.
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