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This Article is From Oct 03, 2022

Pakistan : इमरान ख़ान महिला न्यायाधीश को धमकी देने के मामले में बचे, अदालत ने वापस लिया यह नोटिस

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (PTI) के प्रमुख इमरान खान (Imran Khan) (69) सोमवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष उपस्थित हुए, जहां मामले की सुनवाई पांच सदस्यीय वृहद पीठ ने की. 

Pakistan : इमरान ख़ान महिला न्यायाधीश को धमकी देने के मामले में बचे, अदालत ने वापस लिया यह नोटिस
पाकिस्तान में सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (File Photo)
इस्लामाबाद:

पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) सोमवार को अवमानना की कार्यवाही से बच गए। दरअसल, यहां की एक अदालत ने एक महिला न्यायाधीश को धमकी देने से जुड़े एक मामले में उन्हें जारी किया गया कारण बताओ नोटिस वापस ले लिया.पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के प्रमुख खान (69) सोमवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष उपस्थित हुए, जहां मामले की सुनवाई पांच सदस्यीय वृहद पीठ ने की. पीठ के अध्यक्ष इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनाल्ला थे. पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति मोहसिन अख्तर कयानी, मियांगुल हसन औरंगजेब, तारिक महमूद जहांगीरी और बाबर सत्तार शामिल थे.

‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून' अखबार की खबर के अनुसार, सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश मिनाल्ला ने कहा कि पीठ खान की माफी और आचरण से संतुष्ट है.

खान ने अपने सहयोगी शहबाज गिल के साथ किये गये बर्ताव को लेकर 20 अगस्त को इस्लामाबाद में एक रैली के दौरान शीर्ष पुलिस अधिकारियों, चुनाव आयोग और राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ मामले दर्ज कराने की धमकी दी थी. गिल को राजद्रोह के आरोपों में गिरफ्तार किया था.

उन्होंने गिल की दो दिनों की हिरासत की मंजूरी देने वाली अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जेबा चौधरी के बारे में कहा था कि उन्हें (न्यायाधीश को) खुद को तैयार करना चाहिए, क्योंकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

उनके भाषण के कुछ ही घंटे बाद, खान के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.  रैली में पुलिस, न्यायपालिका और अन्य सरकारी संस्थानों को धमकी देने को लेकर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया.

महिला न्यायाधीश के खिलाफ अपनी विवादास्पद टिप्पणियों को लेकर पिछले महीने खान ने उच्च न्यायालय के समक्ष माफी मांग ली थी और वादा किया था कि वह भविष्य में फिर ऐसा नहीं करेंगे.

खान ने दो दिन पहले अदालत में दाखिल किए गये एक हलफनामे में अदालत को आश्वस्त किया था कि वह अदालत और न्यायपालिका, खासतौर पर निचली न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचाने के लिए भवष्य में कभी कुछ नहीं करेंगे.

खान न्यायाधीश चौधरी से व्यक्तिगत रूप से माफी मांगने के लिए तीन दिन पहले भी इस्लामाबाद की निचली अदालत में उपस्थित हुए थे, हालांकि न्यायाधीश उस वक्त मौजूद नहीं थीं.

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