पाकिस्तान में एक सांसद को नकली डिग्री के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया। शुक्रवार को मीडिया ने यह जानकारी दी।
समाचार पत्र डॉन के मुताबिक, निर्वाचन अधिकरण ने गुरुवार को फर्जी ग्रैजुएशन डिग्री रखने के कारण पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के खबर पख्तूनख्वा विधानसभा के सदस्य कैमोस खान को अयोग्य घोषित कर दिया।
खबर के मुताबिक, अधिकरण ने निर्वाचन आयोग को संबंधित क्षेत्र में दोबारा चुनाव करने के आदेश भी दिए।
अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) के उम्मीदवार हैदर अली ने खान के निर्वाचन को चुनौती देते हुए एक चुनाव याचिका दायर की थी।
डॉन समाचारपत्र के मुताबिक, याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि खान ने वर्ष 2008 के चुनाव के अपने नामांकन पत्र में लिखा था कि वह स्नातक हैं। चुनाव लड़ने के लिए यह अनिवार्य शर्त थी, लेकिन उन्होंने बहाउद्दीन जकारिया विश्वविद्यालय, मुल्तान की फर्जी डिग्री हासिल की थी।
याचिकाकर्ता के वकील वकार अहमद ने दलील दी कि कैमोस ने 1962 में मैट्रिकुलेशन किया था और 2005 में क्वेटा में इंटरमीडिएट परीक्षा पास की थी।
वकील ने कहा कि दिलचस्प बात यह है कि एक साल के अंदर 2006 में सांसद ने बहाउद्दीन जकारिया विश्वविद्यालय से स्नातक भी कर लिया।
वकील ने कहा कि प्रासंगिक नियमों के तहत उम्मीदवार को दो साल में स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण करनी थी, इसका मतलब है कि उन्होंने वर्ष 2008 में फर्जी डिग्री बनवाई थी।
उन्होंने कहा, "हालांकि 2013 के सामान्य चुनावों में स्नातक की शर्त लागू नहीं थी, लेकिन 2008 के चुनावों में उन्होंने गलत सूचना दी, वह सदाचारी और मेधावी नहीं थे और संविधान के अनुच्छेद 62 और 63 के अनुसार विधायक होने के लिए यह योग्यता निर्धारित थी।"
कैमोस खान के वकील का कहना है कि सबूतों के रिकॉर्ड यह साबित नहीं कर सके कि उनके मुवक्किल के पास फर्जी डिग्री है।
उन्होंने कहा कि खान के पास जायज डिग्री है और वह बहाउद्दीन जकारिया विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित परीक्षा में शामिल हुए थे।
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