
सूत्रों के हवाले से खबर है कि भारतीय कैदी सरबजीत सिंह को भारत भेजने पर पाकिस्तान सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। वहीं, भारत सरकार ने एक बार फिर सरबजीत को मानवीय आधार पर भारत भेजने की अपील की है।
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सरबजीत सिंह की बिगड़ती हालत पर चिंता जाहिर करते हुए भारत ने पाकिस्तान से उन्हें मानवीय और सहानुभूति के आधार पर रिहा करने या उचित इलाज के लिए किसी तीसरे देश भेजने के लिए कहा है।
भारत ने कहा है, "एक मानवीय जीवन की रक्षा करने के लिए उचित कदम उठाने से बचने के लिए यह कानूनी और नौकरशाही कारणों की आड़ लेने का सही समय नहीं है।"
बयान में कहा गया है, "हम समझते हैं कि उनकी जिंदगी बचाने के लिए हर तरह का प्रयत्न किया जाना चाहिए।"
पाकिस्तान में फांसी की सजा पाए 49 वर्षीय सरबजीत सिंह पर 26 अप्रैल को लाहौर की कोट लखपत जेल में 4 से 5 कैदियों ने अचानक और अकारण हमला किया जिसमें वे बुरी तरह घायल हो गए।
इलाज के लिए उन्हें वहां के जिन्ना अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां वे तभी से जीवन रक्षक प्रणाली पर हैं।
डॉक्टरों के यह संकेत देने के बाद कि सरबजीत सिंह की चिकित्सकीय रूप से मृत्यु हो चुकी है, उन्हें देखने गया उनका परिवार बुधवार को भारत लौट आया। हमले की जानकारी मिलने के बाद सरबजीत की बहन, उनकी पत्नी और दो बेटियां पाकिस्तान गई थीं।
विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि इस संबंध में पाकिस्तान में स्थित भारतीय उच्चायुक्त शरत सभरवाल ने पाकिस्तान के विदेश सचिव जलील अब्बास जिलानी से मुलाकात की है।
"हमारे उच्चायुक्त ने पाकिस्तान के विदेश सचिव से मुलाकात की है और पाकिस्तान सरकार से मानवीय और सहानुभूति के आधार पर श्री सरबजीत सिंह की शीघ्र रिहाई के लिए आग्रह किया है ताकि उसे भारत में उपलब्ध बेहतर चिकित्सा सुविधा का लाभ दिया जा सके।"
बयान में यह भी कहा गया है, "वैकल्पिक तौर पर हमने यह भी प्रस्ताव किया है कि श्री सरबजीत सिंह को उचित इलाज के लिए किसी तीसरे देश भेजा जाए।"
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