प्रतीकात्मक तस्वीर
वाशिंगटन:
अमेरिका के साथ संबंधों को लेकर पाकिस्तान के दोगलेपन से हताश एक शीर्ष अमेरिकी सांसद ने कहा है कि अमेरिका के हितों के खिलाफ लगातार काम करने के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.
कांग्रेस के रिपब्लिकन सदस्य टेड पो ने ‘द वॉशिंगटन टाइम्स’ में ‘‘पाकिस्तान के दोगलेपन का लंबा इतिहास’’ शीर्षक के साथ प्रकाशित एक लेख में लिखा कि अमेरिका पाकिस्तान की बेईमानी को लेकर उसका अर्थपूर्ण तरीके से सामना करने या उससे संबंध समाप्त करने से बचता रहा है क्योंकि अफगानिस्तान में गठबंधन को आपूर्ति करने वाला मार्ग पाकिस्तान से होकर गुजरता है.
पो ने कहा, ‘‘लेकिन यह अहम लिंक आसानी से नहीं मिलता और पाकिस्तान ने उनके एवं हमारे बलों के बीच हिंसक घटनाओं के बाद कई मौकों पर इसे तोड़ा भी है.’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए उन्होंने हाल में अमेरिका की प्रतिनिधि सभा में पाकिस्तान विरोधी दो विधेयक पेश किए हैं.
पहले विधेयक में पाकिस्तान के प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी दर्जे को रद्द करने की अपील की गई है. यह दर्जा वर्ष 2004 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने पाकिस्तान को दिया था ताकि अलकायदा एवं तालिबान के खिलाफ अमेरिका की लड़ाई में पाकिस्तान की मदद प्राप्त की जा सके.
दूसरे विधेयक में कहा गया है कि विदेश मंत्रालय आतंकवादियों के साथ सहयोग के इस्लामाबाद के लंबे इतिहास का मूल्यांकन करे और यह तय करे कि पाकिस्तान आतंकवाद का प्रायोजक देश है या नहीं.
कांग्रेस के रिपब्लिकन सदस्य टेड पो ने ‘द वॉशिंगटन टाइम्स’ में ‘‘पाकिस्तान के दोगलेपन का लंबा इतिहास’’ शीर्षक के साथ प्रकाशित एक लेख में लिखा कि अमेरिका पाकिस्तान की बेईमानी को लेकर उसका अर्थपूर्ण तरीके से सामना करने या उससे संबंध समाप्त करने से बचता रहा है क्योंकि अफगानिस्तान में गठबंधन को आपूर्ति करने वाला मार्ग पाकिस्तान से होकर गुजरता है.
पो ने कहा, ‘‘लेकिन यह अहम लिंक आसानी से नहीं मिलता और पाकिस्तान ने उनके एवं हमारे बलों के बीच हिंसक घटनाओं के बाद कई मौकों पर इसे तोड़ा भी है.’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए उन्होंने हाल में अमेरिका की प्रतिनिधि सभा में पाकिस्तान विरोधी दो विधेयक पेश किए हैं.
पहले विधेयक में पाकिस्तान के प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी दर्जे को रद्द करने की अपील की गई है. यह दर्जा वर्ष 2004 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने पाकिस्तान को दिया था ताकि अलकायदा एवं तालिबान के खिलाफ अमेरिका की लड़ाई में पाकिस्तान की मदद प्राप्त की जा सके.
दूसरे विधेयक में कहा गया है कि विदेश मंत्रालय आतंकवादियों के साथ सहयोग के इस्लामाबाद के लंबे इतिहास का मूल्यांकन करे और यह तय करे कि पाकिस्तान आतंकवाद का प्रायोजक देश है या नहीं.