इस्लामाबाद : भारत की चिंताओं को दरकिनार करते हुए चीन ने आज अपने 'सुख-दुख' के साथी पाकिस्तान के साथ उसके कब्जे वाले कश्मीर से होते हुए आर्थिक गलियारे के निर्माण के लिए 46 अरब डॉलर के समझौते सहित कुल 51 करार पर हस्ताक्षर किए। इससे क्षेत्र में चीन का दबदबा और बढ़ेगा।
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पाकिस्तान की अपनी पहली ऐतिहासिक सरकारी यात्रा के दौरान विदेश में अब तक के सबसे बड़े निवेश के तहत महत्वाकांक्षी 3,000 किलोमीटर की चीन-पाक आर्थिक गलियारा (सीपीईएसी) का औपचारिक अनावरण किया।
इस रणनीतिक गलियारे को 1979 में बने काराकोरम राजमार्ग के बाद दोनों देशों के बीच सबसे बड़ी संपर्कसूत्र परियोजना माना जा रहा है। इससे चीन का पश्चिम एशिया से तेल के आयात का मार्ग 12,000 किलोमीटर कम हो सकेगा।
दोनों देशों के बीच कुल मिलाकर 51 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। ये समझौते ढांचागत परियोजनाओं, ऊर्जा उत्पादन, कृषि, शिखा, दूरसंचार और अनुसंधान के क्षेत्र में किए गए हैं। दोनों के बीच हुए 51 में से 30 समझौते रणनीतिक आर्थिक गलियारे से जुड़े हैं।
इस परियोजना के तहत चीन के अल्पविकसित पश्चिमी क्षेत्र को पाक अधिकृत कश्मीर के रास्ते पाकिस्तान के अरब सागर से जुड़े ग्वादार बंदरगाह को सड़कों, रेलवे, व्यावसायिक पट्टियों, ऊर्जा योजनाओं और पेट्रोलियम पाइपलाइनों के मिश्रित नेटवर्क से जोड़ा जाना है। इस गलियारे का निर्माण तीन साल में पूरा होने की उम्मीद है। यह करीब 10,400 मेगावाट बिजली उपलब्ध कराएगा। इससे चीन को हिंद महासागर व उससे आगे सीधी पहुंच उपलब्ध होगी।
शी की पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ वार्ता के बाद दोनों देशों ने कुल 51 करार किए। करारों पर दस्तखत के मौके पर दोनों नेता मौजूद थे। शरीफ ने कहा, 'मैंने शी को भरोसा दिलाया है कि चीन की सुरक्षा भी हमारे लिए उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी पाकिस्तान की।' उन्होंने कहा कि चीन के साथ दोस्ती पाकिस्तान की विदेश नीति का प्रमुख बिंदु है। शरीफ ने कहा कि आज हमने भविष्य के लिए योजना बनाई।
शरीफ ने शी का स्वागत करते हुए चीन को अपना करीबी साथी बताया। उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं और महत्वपूर्ण क्षेत्रीय व अंतरराष्ट्रीय विकास हुआ है, लेकिन हमारे संबंध हमेशा मजबूत बने रहे।
इससे पहले चीन के राष्ट्रपति और उनकी पत्नी पेंग लियुआन के रावलपिंडी के नूर खान हवाईअड्डे पर पहुंचने पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। उनके स्वागत के लिए हवाईअड्डे पर पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन, प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, सेना प्रमुख राहील शरीफ और शरीफ मंत्रिमंडल के सदस्य उपस्थित थे।
शी के विमान के पाकिस्तान के वायु क्षेत्र में प्रवेश करते ही उसे चीन की मदद से पाकिस्तान में बने जेएफ-17 थंडर विमानों की इस टुकड़ी ने सुरक्षा घेरा प्रदान किया।
शी के आगमन पर राजधानी इस्लामाबाद में सुरक्षा का कड़ा इंतजाम है। शहर की सभी प्रमुख सड़कों पर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
हवाईअड्डे पर चीन के राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी दी गई। उन्होंने सलामी गारद का निरीक्षण किया और शी दंपति के सम्मान में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। शहर के रास्ते में जगह-जगह पाकिस्तान-चीन दोस्ती जिंदाबाद के पोस्टर लगे थे।
शी दो दिन की पाकिस्तान यात्रा पर आए हैं। यह नौ साल में किसी चीनी राष्ट्रपति की पहली पाकिस्तान यात्रा है।
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