भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों द्वारा एक उच्च-स्तरीय संपर्क शुरू किए जाने का फैसला किए जाने के दो दिन बाद इस पड़ोसी देश ने सद्भावना दिखाते हुए रविवार को 172 भारतीय मछुआरों को रिहा कर दिया।
मालीर जेल के अधीक्षक मुहम्मद सेहतो ने बताया, हमें रिहाई का आदेश आज प्राप्त हुआ और हमने कैदियों को रिहा कर दिया, जो ट्रेन से वाघा जाएंगे।अरब
सागर में समुद्री सीमा का कथित उल्लंघन करने को लेकर मछुआरों को कराची के मालीर और लांधी जिला कारागार में रखा गया था। एडिलेड में पाकिस्तान और भारत के बीच विश्व कप मैच होने के समय उनकी रिहाई हुई है। सेहतो ने बताया कि रिहा किए अधिकतर मछुआरे वे लोग हैं, जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है।
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ ही दिन पहले अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ और सार्क के उन शासनाध्यक्षों से बात की थी, जिनका देश आईसीसी क्रिकेट विश्व कप खेल रहा है। उन्होंने इसके लिए शुभकामना दी थी। मोदी ने कहा था कि वह देश के नए विदेश सचिव एस जयशंकर को सार्क यात्रा पर भेजेंगे, ताकि संबंधों को और मजबूत किया जा सके।
सेहतो ने बताया कि अन्य 349 भारतीय भी मालीर और लांधी जेल में हैं। लांधी जेल के अधीक्षक गुलाम हुसैन ने बताया कि उनकी जेल से रिहा हुए भारतीय मछुआरे खुश हैं। उन्होंने कहा, हमें इन भारतीय मछुआरों के लिए अफसोस है, लेकिन उन्होंने कानून का उल्लंघन किया और उन्हें जेल में रहना होगा।
हुसैन ने बताया कि जेल अधिकारियों ने कल्याणकारी संगठनों की सहायता से भारतीय मछुआरों को कुछ नकद राशि और तोहफे दिए हैं, ताकि वे अपनी रिहाई की खुशी मना सकें। गौरतलब है कि पाकिस्तान ने नवंबर में 40 भारतीय कैदियों को रिहा किया था।
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