
- पाकिस्तान के पीएम शहबाज ने रूस और भारत के संबंधों का सम्मान किया और मजबूत संबंध बनाने की इच्छा जताई.
- दोनों नेता चीन में चीनी सेना की 80वीं वर्षगांठ पर आयोजित परेड में मौजूद थे और दोनों के बीच खास वार्ता हुई.
- शरीफ ने रूस को धन्यवाद दिया और क्षेत्रीय समृद्धि के लिए दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने की बात कही है.
दक्षिण एशिया की राजनीति पल-पल बदल रही है. चीन के तियानजिन शहर में जहां पिछले दिनों भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच खास मुलाकात हुई. इसी बदलती राजनीति के बीच बीजिंग में कुछ ऐसा हुआ है जिस पर ध्यान जाना लाजिमी था. बीजिंग में एक अहम मुलाकात हुई, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और व्लादिमीर पुतिन आमने-सामने बैठे. शरीफ ने साफ तौर पर कहा कि उन्हें रूस और भारत की दोस्ती से कोई ऐतराज नहीं, लेकिन अब इस्लामाबाद भी मॉस्को के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ना चाहता है.
रिश्ते मजबूत होने चाहिए
शरीफ ने मंगलवार को कहा कि उनका देश भारत के साथ रूस के संबंधों का सम्मान करता है. दोनों नेता चीन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेने और बुधवार को चीनी सेना की भव्य परेड में शामिल होने पहुंचे हैं. यह परेड जापानी आक्रमण के खिलाफ चीन के लोगों के प्रतिरोध युद्ध की 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित की जा रही है. शरीफ ने राष्ट्रपति पुतिन से कहा, 'पिछले कई वर्षों में हमारे रिश्ते केवल बेहतर ही हुए हैं. इसके लिए आपके समर्पण और विभिन्न क्षेत्रों में रुचि का आभार. मैं हमारे द्विपक्षीय संबंधों को निर्णायक रूप से मजबूत करने का इच्छुक हूं.'
रूस को कहा थैंक्यू
प्रधानमंत्री ने रूस द्वारा पाकिस्तान को समर्थन देने पर आभार व्यक्त किया, जिसे क्षेत्र में 'संतुलन साधने वाला कदम' माना गया. उन्होंने कहा, 'मुझे यह कहना है कि हम आपके भारत के साथ संबंधों का सम्मान करते हैं. इसमें कोई समस्या नहीं है. लेकिन हम भी रूस के साथ बहुत मजबूत संबंध बनाना चाहते हैं. और ये संबंध क्षेत्र की भलाई, प्रगति और समृद्धि के लिए परस्पर पूरक होंगे.' शरीफ ने पुतिन को 'एक बहुत ही गतिशील नेता' बताया और कहा कि अब रूस और पाकिस्तान 'सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं'. रूस की सरकारी समाचार एजेंसी TASS की तरफ से यह बयान जारी किया गया है.
कश्मीर पर की चर्चा
रेडियो पाकिस्तान के अनुसार, शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान रूस के साथ 'व्यापार, ऊर्जा, कृषि, निवेश, रक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, शिक्षा, संस्कृति और जन-से-जन संपर्क' जैसे क्षेत्रों में संबंध बढ़ाने का इच्छुक है. राष्ट्रपति पुतिन ने दोनों देशों के बीच बढ़ते रिश्तों को रेखांकित करते हुए SCO जैसे संगठनों में सहयोग के महत्व पर जोर दिया, जो क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा व स्थिरता में बड़ी भूमिका निभा सकता है. दोनों नेताओं ने दक्षिण एशिया, अफगानिस्तान, मध्य पूर्व और यूक्रेन संघर्ष की स्थिति पर चर्चा की. उन्होंने बहुपक्षीय मंचों पर चल रहे सहयोग के साथ-साथ फिलिस्तीन और कश्मीर जैसे लंबे समय से चले आ रहे वैश्विक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया.
रूस जाएंगे शहबाज शरीफ
शरीफ ने पुतिन के रूस दौरे के निमंत्रण को स्वीकार किया और नवंबर में होने वाले SCO कार्यक्रम में भाग लेने पर सहमति जताई. उन्होंने कहा, 'मैं रूस का दौरा करने के लिए बहुत खुश रहूंगा.' पाकिस्तान और रूस के संबंध शीत युद्ध की दुश्मनी से निकलकर मौजूदा सहयोग के स्तर तक पहुंचे हैं और आने वाले वर्षों में इसके और विस्तार की उम्मीद है. हाल के वर्षों में दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं.
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