विज्ञापन
This Article is From Nov 03, 2021

अफगानिस्तान पर भारत में हो रहे सम्मेलन में पाकिस्तानी NSA का शिरकत करने से इंकार

पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि अफगानिस्तान से बातचीत करना पाकिस्तान के लिए एक राजनीतिक विषय नहीं है, ‘‘बल्कि एक मानवीय विषय है और यह हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है.’’

अफगानिस्तान पर भारत में हो रहे सम्मेलन में पाकिस्तानी NSA का शिरकत करने से इंकार
भारत में अफगानिस्तान पर सम्मेलन में शिरकत करने से पाकिस्तानी एनएसए का इंकार
इस्लामाबाद:

पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) मोईद युसूफ ने मंगलवार को कहा कि वह भारत की मेजबानी में अफगानिस्तान पर होने वाले सम्मेलन के लिए वहां की यात्रा नहीं करेंगे. साथ ही, उन्होंने अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने वाले देश के रूप में नई दिल्ली की भूमिका को खारिज कर दिया. भारत ने अगले हफ्ते अफगानिस्तान पर होने वाले क्षेत्रीय सम्मेलन में शरीक होने का पाकिस्तान को न्योता दिया था. इसकी मेजबानी भारत के एनएसए अजीत डोभाल द्वारा किए जाने की उम्मीद है. उल्लेखनीय है कि दो दशक तक चले युद्ध के बाद अमेरिकी सैनिकों के लौटने की प्रक्रिया पूरी होने से पहले तालिबान ने 15 अगस्त को अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा कर लिया था. यह पूछे जाने पर कि क्या वह भारत की मेजबानी में होने वाली बैठक में शरीक होंगे, युसूफ ने कहा, ‘‘मैं नहीं जाऊंगा. मैं नहीं जा रहा. एक विघ्नकर्ता (देश), शांति स्थापित करने वाला नहीं हो सकता.''

इससे पहले, पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने भारत से मिले न्योते की पुष्टि की थी, लेकिन कहा था कि फैसला उपयुक्त समय पर किया जाएगा. विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि पाकिस्तान का फैसला परमाणु आयुध से लैस दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंधों की मौजूदा स्थिति पर आधारित होगा, हालांकि, युसूफ के महज ‘ना' कह देने से पाकिस्तान और भारत के बीच संबंधों में जमी बर्फ के पिघलने की संभावना पर विराम लग गया है. भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध, 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकवादी हमले के बाद खराब हो गए. उरी में भारतीय थल सेना के एक शिविर पर हुए हमले से संबंध और खराब हो गए.

वहीं, पुलवामा आतंकी हमले के उपरांत पाकिस्तान के अंदर 26 फरवरी 2019 को भारतीय लड़ाकू विमानों द्वारा जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों पर बम गिराए जाने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे. गौरतलब है कि पुलवामा हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवान शहीद हो गए थे. अगस्त 2019 में पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लिये जाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के भारत सरकार के फैसले से दोनों देशों के संबंध और खराब हो गए.

भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वह इस्लामाबाद के साथ आतंकवाद, शत्रुता और हिंसा मुक्त माहौल में सामान्य पड़ोसी का संबंध रखने की इच्छा रखता है. युसूफ ने कहा, ‘‘पश्चिमी देशों के लिए (अफगानिस्तान से) 10,000 मील दूर बैठना सुखद होगा, लेकिन अफगानिस्तान से दूर रहने का हमारे पास कोई विकल्प नहीं है.''उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से बातचीत करना पाकिस्तान के लिए एक राजनीतिक विषय नहीं है, ‘‘बल्कि एक मानवीय विषय है और यह हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है.''

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com