इस्लामाबाद:
अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के इस दावे पर कि अल कायदा प्रमुख अयमान अल जवाहिरी पाकिस्तान में छिपा है, पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने सोमवार को अमेरिका से पूछा कि उसे इस बारे में जानकारी कहां से मिली।
भारत दौरे के पहले दिन हिलेरी ने कोलकाता में कहा था, "हम अल कायदा को नेस्तनाबूद करना चाहते हैं। अल जवाहिरी अभी भी पाकिस्तान में कहीं छिपा हुआ है।"
हिलेरी के इस बयान को हिना ने तुरंत चुनौती दी। उन्होंने कहा, "अगर अल कायदा नेता की पाकिस्तान में मौजूदगी की अमेरिका को कोई ठोस खुफिया जानकारी है तो वह इसे हमारे साथ साझा करे ताकि हमारा मुल्क इस मसले पर गौर कर सके।"
हिना राष्ट्रीय सुरक्षा मामले की संसदीय समिति (पीसीएनएस) की बैठक में पाकिस्तान के कबायली इलाकों में अमेरिकी ड्रोन हमलों और पाकिस्तान व अमेरिका के रिश्तों पर पिछले महीने संसद द्वारा की गई सिफारिश पर चर्चा कर रही थीं।
गौरतलब है कि पाकिस्तानी संसद ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें अमेरिका से ड्रोन हमलों को तुरंत रोकने की अपील की गई थी लेकिन वाशिंगटन ने पाकिस्तान की अपील को ठुकराते हुए एक हफ्ते में दो हमले कर दिए जिनमें कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई।
हिना ने पिछले हफ्ते कहा था कि अमेरिका ने ड्रोन हमलों के मसले पर पाकिस्तान की वह अपील नहीं सुनी जिसमें इस्लामाबाद का कहना था कि आतंकवाद के खिलाफ इस तरह की लड़ाई से कोई फायदा नहीं है।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल नवम्बर में उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) द्वारा दो चौकियों पर किए गए हवाई हमलों में 24 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। इस घटना के बाद से ही दोनों देशों के बीच रिश्तों में खटास आ गई थी।
हिना रब्बानी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वाशिंगटन पाकिस्तानी संसद की सिफारिशों का सम्मान करेगा।
भारत दौरे के पहले दिन हिलेरी ने कोलकाता में कहा था, "हम अल कायदा को नेस्तनाबूद करना चाहते हैं। अल जवाहिरी अभी भी पाकिस्तान में कहीं छिपा हुआ है।"
हिलेरी के इस बयान को हिना ने तुरंत चुनौती दी। उन्होंने कहा, "अगर अल कायदा नेता की पाकिस्तान में मौजूदगी की अमेरिका को कोई ठोस खुफिया जानकारी है तो वह इसे हमारे साथ साझा करे ताकि हमारा मुल्क इस मसले पर गौर कर सके।"
हिना राष्ट्रीय सुरक्षा मामले की संसदीय समिति (पीसीएनएस) की बैठक में पाकिस्तान के कबायली इलाकों में अमेरिकी ड्रोन हमलों और पाकिस्तान व अमेरिका के रिश्तों पर पिछले महीने संसद द्वारा की गई सिफारिश पर चर्चा कर रही थीं।
गौरतलब है कि पाकिस्तानी संसद ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया था जिसमें अमेरिका से ड्रोन हमलों को तुरंत रोकने की अपील की गई थी लेकिन वाशिंगटन ने पाकिस्तान की अपील को ठुकराते हुए एक हफ्ते में दो हमले कर दिए जिनमें कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई।
हिना ने पिछले हफ्ते कहा था कि अमेरिका ने ड्रोन हमलों के मसले पर पाकिस्तान की वह अपील नहीं सुनी जिसमें इस्लामाबाद का कहना था कि आतंकवाद के खिलाफ इस तरह की लड़ाई से कोई फायदा नहीं है।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल नवम्बर में उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) द्वारा दो चौकियों पर किए गए हवाई हमलों में 24 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। इस घटना के बाद से ही दोनों देशों के बीच रिश्तों में खटास आ गई थी।
हिना रब्बानी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वाशिंगटन पाकिस्तानी संसद की सिफारिशों का सम्मान करेगा।
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