पाकिस्तान में विपक्षी पार्टियों ने इमरान खान की मुश्किल में फंसी सरकार को गिराने का संकल्प लिया है. वर्ष 2018 में सत्ता संभालने के बाद से पीएम इमरान सबसे कठिन सियासी संकट का सामना कर रहे हैं. पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM), जिसमें पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (PML-N), जमीयत ए इस्लाम फजल (JUI-I)और अन्य पार्टियां शामिल हैं, ने सोमवार की रात राजधानी इस्लामाबाद में बड़ी रैली का आयोजन किया. पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) (पीएमएल-एन) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज और 26 मार्च को लाहौर से रैली शुरू करने वाले पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता हमजा शहबाज, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) और अन्य पीडीएम दलों के समर्थकों के साथ जुड़ने के लिए इस्लामाबाद पहुंचे.
तीन बार प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ की बेटी मरियम ने अपनी डगमगाती गद्दी को बचाने के लिए धार्मिक कार्ड का इस्तेमाल करने को लेकर मौजूदा प्रधानमंत्री खान की आलोचना की. इमरान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी द्वारा उनके समर्थन में यहां एक विशाल रैली आयोजित करने के एक दिन बाद हुई इस रैली में मरियम ने कहा, ‘‘मैं आपको चुनौती देती हूं कि आप अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के दिन अपने साथ 172 सांसद लेकर आएं.''उन्होंने सरकार द्वारा पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद पार्टी का समर्थन हासिल करने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार की जगह चौधरी परवेज इलाही को पद सौंपने का फैसला किए जाने के बाद खान पर अपनी सीट बचाने के लिए अपने सबसे भरोसेमंद बुजदार को दरकिनार करने का आरोप लगाया.
मरियम ने कहा, ‘‘आपने अपनी सत्ता बचाने के लिए अपने सबसे भरोसेमंद आदमी (बुजदार) को कुएं में धकेल दिया. हमने अपने पूरे जीवन में ऐसा एहसान फरामोश शख्स नहीं देखा.'' उन्होंने यह भी कहा कि इमरान खान ने उन्हें सत्ता से हटाने के लिए विदेशी साजिश का दावा किया है. मरियम ने एक दिन पहले रैली में एक फर्जी चिट्ठी दिखाने के लिए खान को दोषी ठहराया.उन्होंने कहा कि इमरान ने लोगों का विश्वास खो दिया है, जो हाल के महीनों में 16 में से 15 उपचुनावों में सत्ताधारी पार्टी की हार से साबित होता है. कई अन्य पीडीएम नेताओं ने भी सभा को संबोधित किया और उन्होंने अपनी रैली को धरने में बदलने की भी घोषणा की और कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होने तक उनके कार्यकर्ता डेरा डाले रहेंगे.
69 वर्षीय खान गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं और अगर कुछ सहयोगी दल गठबंधन से हटने का फैसला करते हैं तो उनकी सरकार गिर सकती है. पाकिस्तान की 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में पीटीआई के 155 सदस्य हैं और उसे सत्ता में बने रहने के लिए कम से कम 172 सांसदों के समर्थन की जरूरत है.विपक्ष ने आठ मार्च को नेशनल असेंबली को अविश्वास प्रस्ताव सौंपा था. इस प्रस्ताव के मद्देनजर रैली का आयोजन किया गया था. प्रस्ताव पर मतदान 31 मार्च से तीन अप्रैल के बीच होगा. खान 2018 में ‘नया पाकिस्तान' बनाने के वादे के साथ सत्ता में आए, लेकिन वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रण में रखने की बुनियादी समस्या को दूर करने में बुरी तरह विफल रहे, जिससे विपक्ष को उनकी सरकार पर हमला करने का मौका मिल गया.
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