वकीलों ने पद नहीं छोड़ने पर आंदोलन की धमकी दी....
लाहौर:
पाकिस्तानी के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के सामने वहां के वकीलों ने मुश्किलें खड़ी कर दी है. वकीलों ने शनिवार को प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अल्टीमेटम दिया कि अगर वह पनामा पेपर्स मामले में सात दिनों में सत्ता नहीं छोड़ते तो वे उनके खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और लाहौर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने आज इस रुख का एलान किया.
दोनों बार एसोसिएशन की ओर से जारी साझा बयान में कहा गया है, "दोनों बार एसोसिएशन का मानना है कि पनामा पेपर्स मामले में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अब अपने पद बने नहीं रहना चाहिए और इस्तीफा दे देना चाहिए." उन्होंने कहा कि पनामा मामले ने इस बात का स्पष्ट संकेत दिया है कि शरीफ और उनके बच्चों ने वित्तीय अनियिमताएं और भ्रष्टचार किए तथा जांच के लिए जेआईटी का गठन किया गया है.
इस मामले की शुरुआत 3 नवंबर से मानी जाती है. न्यायालय ने 23 फरवरी को कार्यवाही पूरी करने से पहले 35 सुनवाई की थीं. मामला लंदन में शरीफ के परिवार की कथित अवैध संपत्तियों से जुड़ा है. पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ प्रमुख इमरान खान और अन्य की कई एक जैसी याचिकाओं दाखिल कर रखी हैं. इन संपत्तियों का खुलासा पनामा पेपर्स में हुआ था. पनामा पेपर्स के मुताबिक प्रबंधन शरीफ के परिवार के मालिकाना हक वाली विदेशी कंपनियां करती थीं. याचिकाओं में न्यायालय से अपील की गई है कि भ्रष्टाचार में लिप्त होने के कारण 67 वर्षीय शरीफ को अनुच्छेद 62 और 63 के तहत अयोग्य करार दिया जाए.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दोनों बार एसोसिएशन की ओर से जारी साझा बयान में कहा गया है, "दोनों बार एसोसिएशन का मानना है कि पनामा पेपर्स मामले में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अब अपने पद बने नहीं रहना चाहिए और इस्तीफा दे देना चाहिए." उन्होंने कहा कि पनामा मामले ने इस बात का स्पष्ट संकेत दिया है कि शरीफ और उनके बच्चों ने वित्तीय अनियिमताएं और भ्रष्टचार किए तथा जांच के लिए जेआईटी का गठन किया गया है.
इस मामले की शुरुआत 3 नवंबर से मानी जाती है. न्यायालय ने 23 फरवरी को कार्यवाही पूरी करने से पहले 35 सुनवाई की थीं. मामला लंदन में शरीफ के परिवार की कथित अवैध संपत्तियों से जुड़ा है. पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ प्रमुख इमरान खान और अन्य की कई एक जैसी याचिकाओं दाखिल कर रखी हैं. इन संपत्तियों का खुलासा पनामा पेपर्स में हुआ था. पनामा पेपर्स के मुताबिक प्रबंधन शरीफ के परिवार के मालिकाना हक वाली विदेशी कंपनियां करती थीं. याचिकाओं में न्यायालय से अपील की गई है कि भ्रष्टाचार में लिप्त होने के कारण 67 वर्षीय शरीफ को अनुच्छेद 62 और 63 के तहत अयोग्य करार दिया जाए.
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