पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में जेल कर्मचारियों के प्रतिकूल रवैये के विरोध में 1400 से अधिक कैदी बुधवार को भूख हड़ताल पर चले गए। इसी जेल में भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह पर हुए जानलेवा हमले में उनकी मौत हो गई थी।
सूत्रों ने बताया कि कैदियों ने सुबह का नाश्ता और दोपहर का भोजन करने से इनकार कर दिया। वरिष्ठ जेल अधिकारी कैदियों को उनकी हड़ताल समाप्त करने के लिए मनाने में जुटे हैं।
हालांकि जेल अधीक्षक कामरान अंजुम ने कैदियों के हड़ताल पर जाने की बात से इनकार किया है। जेल के प्रवक्ता ने बताया, ‘‘कुछ कैदियों ने कुछ मुद्दों पर शिकायत की है लेकिन वे हड़ताल पर नहीं गए हैं।''
हड़ताली कैदियों की शिकायत है कि जेल के कर्मचारी उन्हें तड़के साढ़े तीन बजे उठा देते हैं और जेल के भीतर ही बनी फैक्ट्री में भेज देते हैं। उनकी यह भी शिकायत है कि उन्हें घटिया खाना दिया जाता है।
पिछले महीने मौत की सजा पाए भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह पर कई कैदियों द्वारा इसी जेल में किए गए जानलेवा हमले के बाद से यह जेल कुख्यात हो गई है।
हमले के बाद करीब एक सप्ताह तक कोमा में रहने के बाद सरबजीत ने 1 मई को दम तोड़ दिया था।
सरबजीत की मौत के बाद जेल प्रशासन ने दुर्दांत अपराधियों को अन्य कैदियों से अलग कर दिया था।
इससे पूर्व जनवरी में एक अन्य भारतीय कैदी चमेल सिंह ने इसी जेल में कथित रूप से अस्पताल कर्मचारियों के हमले के बाद दम तोड़ दिया था। इस जेल में 20 से अधिक भारतीय कैदी हैं।
तत्काल यह पता नहीं चल सका है कि हड़ताल करने वाले कैदियों में भारतीय कैदी भी शामिल हैं या नहीं।
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