विशेष विमान से:
भारत ने शुक्रवार को कहा कि मुम्बई आतंकवादी हमला मामले में जहां तक जवाबदेही का सवाल है तो पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा वहां की एक अदालत में सबूत पेश करने में ‘धीमी प्रगति’ है। भारत का मानना है कि प्रधानमंत्री की यात्रा के लिए अब भी ‘संभवत: यह सर्वश्रेष्ठ समय नहीं है।’
विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने पाकिस्तान के गृहमंत्री रहमान मलिक के बातचीत के लिए भारत की यात्रा करने और उससे भारत की उम्मीदों के बारे में पूछे जाने पर अपनी पहली द्विपक्षीय यात्रा के लिए म्यामां जाते वक्त संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें चीजों को मनवांछित दिशा में आगे बढ़ाने के लिए खुले मन तथा उचित दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के संबंधों में ‘बाधाओं और सीमाओं’ के मद्देनजर ‘बहुत अधिक उम्मीद’ नहीं होनी चाहिए। खुर्शीद ने कहा ‘‘जहां तक 2008 के मुंबई हमले में जवाबदेही की बात है, हमने धीमी प्रगति देखी है। हमारे पास ऐसी खबरें हैं कि सुनवाई के दौरान अदालत में दिए गए सबूत जो कुछ हुआ उसकी स्वीकारोक्ति और कुछ पारदर्शिता के संकेतक हैं।’’
उन्होंने कहा कि और अब वे कैसे इन्हें सरकार से इतर तत्व या सरकारी तत्व बताएंगे जबकि आधिकारिक मार्गों से कुछ और सूचनाएं आ रही हैं।
खुर्शीद ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान से सुनवाई ‘तेज’ करने का अनुरोध किया है और कुछ संकेत मिले हैं कि ऐसा हो सकता है। खुर्शीद की यह टिप्पणी पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) की ओर से मुम्बई आतंकवादी हमला मामले में रावलपिंडी की एक आतंकवाद निरोधक अदालत में सबूत पेश किए जाने के कुछ दिनों बाद आई है।
वर्ष 2008 के मुम्बई हमला मामले में शामिल रहने के आरोपी लश्कर ए तैयबा के संचालक कमांडर जकीउर रहमान लखवी और छह अन्य पाकिस्तानियों के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई करने वाली अदालत में पेश किए गए सबूतों में सिंध में लश्कर-ए-तैयबा के प्रशिक्षण शिविर की तस्वीरों के साथ ही मुम्बई पर आतंकवादी हमला करने वाले दस आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल मोटर चालित नावों की तस्वीरें भी शामिल हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पाकिस्तान का दौरा करेंगे, उन्होंने कहा कि समय बहुत कम है क्योंकि पाकिस्तान चुनावों की तरफ तेजी से बढ़ रहा है और ‘संभवत: यह सर्वश्रेष्ठ समय नहीं है लेकिन यह इस पर निर्भर करता है कि चीजें कैसे आगे बढ़ती हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हर बैठक, हर मौका नए विश्लेषण और नए आकलन की ओर बढ़ सकता है लेकिन इस पर प्रधानमंत्री ही फैसला करेंगे।’
विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने पाकिस्तान के गृहमंत्री रहमान मलिक के बातचीत के लिए भारत की यात्रा करने और उससे भारत की उम्मीदों के बारे में पूछे जाने पर अपनी पहली द्विपक्षीय यात्रा के लिए म्यामां जाते वक्त संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें चीजों को मनवांछित दिशा में आगे बढ़ाने के लिए खुले मन तथा उचित दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के संबंधों में ‘बाधाओं और सीमाओं’ के मद्देनजर ‘बहुत अधिक उम्मीद’ नहीं होनी चाहिए। खुर्शीद ने कहा ‘‘जहां तक 2008 के मुंबई हमले में जवाबदेही की बात है, हमने धीमी प्रगति देखी है। हमारे पास ऐसी खबरें हैं कि सुनवाई के दौरान अदालत में दिए गए सबूत जो कुछ हुआ उसकी स्वीकारोक्ति और कुछ पारदर्शिता के संकेतक हैं।’’
उन्होंने कहा कि और अब वे कैसे इन्हें सरकार से इतर तत्व या सरकारी तत्व बताएंगे जबकि आधिकारिक मार्गों से कुछ और सूचनाएं आ रही हैं।
खुर्शीद ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान से सुनवाई ‘तेज’ करने का अनुरोध किया है और कुछ संकेत मिले हैं कि ऐसा हो सकता है। खुर्शीद की यह टिप्पणी पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) की ओर से मुम्बई आतंकवादी हमला मामले में रावलपिंडी की एक आतंकवाद निरोधक अदालत में सबूत पेश किए जाने के कुछ दिनों बाद आई है।
वर्ष 2008 के मुम्बई हमला मामले में शामिल रहने के आरोपी लश्कर ए तैयबा के संचालक कमांडर जकीउर रहमान लखवी और छह अन्य पाकिस्तानियों के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई करने वाली अदालत में पेश किए गए सबूतों में सिंध में लश्कर-ए-तैयबा के प्रशिक्षण शिविर की तस्वीरों के साथ ही मुम्बई पर आतंकवादी हमला करने वाले दस आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल मोटर चालित नावों की तस्वीरें भी शामिल हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पाकिस्तान का दौरा करेंगे, उन्होंने कहा कि समय बहुत कम है क्योंकि पाकिस्तान चुनावों की तरफ तेजी से बढ़ रहा है और ‘संभवत: यह सर्वश्रेष्ठ समय नहीं है लेकिन यह इस पर निर्भर करता है कि चीजें कैसे आगे बढ़ती हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हर बैठक, हर मौका नए विश्लेषण और नए आकलन की ओर बढ़ सकता है लेकिन इस पर प्रधानमंत्री ही फैसला करेंगे।’
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