प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान में महंगाई के ताजा हालात पिछली सरकारों की गलत आर्थिक नीतियों की वजह से है. नकदी संकट से जूझ रहा देश जल्दी ही इस समस्या से उबर जाएगा. पंजाब प्रांत में अपने गृहनगर मियांवाली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए खान ने कहा कि उनकी सरकार को कम विदेशी मुद्रा भंडार, वित्तीय और चालू खाता घाटा सहित तमाम आर्थिक समस्याएं विरासत में मिली हैं.
उन्होंने कहा कि अगस्त 2018 में जब तहरीक-ए-इंसाफ की सरकार सत्ता में आई तब पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था खराब हालत में थी.
खान ने कहा कि पिछली सरकार आरक्षित डॉलर खर्च का इस्तेमाल पाकिस्तानी रुपये को स्थिर रखने के लिए करती थी लेकिन उनकी सरकार जब सत्ता में आई तो पर्याप्त विदेश मुद्रा भंडार नहीं था.
प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका नतीजा यह हुआ कि पाकिस्तानी रुपये का डॉलर के मुकाबले 35 फीसदी अवमूल्यन हुआ और महंगाई बढ़ी.
खान ने कहा कि अर्थव्यवस्था सुधार के रास्ते पर है और सरकार की ओर से उठाए गए कदम का असर दिखने लगा है.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी रुपये की कीमत स्थिर हुई है और चार साल में पहली बार चालू खाता घाटे में कमी आई है.
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