पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की फाइल फोटो
कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. भारत आतंकियों के पनाहगारों को न्याय के कटघरे में खड़ा करने के लिए हर संभव कदम उठा रहा है. लेकिन दूसरी तरफ पाकिस्तान की सरकार अपनी जेबें भरने में लगी है. पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने केंद्रीय मंत्रियों और राज्य मंत्रियों (वेतन, भत्ते और विशेषाधिकार) संशोधन अध्यादेश, 2025 पर साइन कर दिया है. इससे केंद्रीय और राज्य मंत्रियों के मासिक वेतन में 188% तक की वृद्धि हुई है. यह रिपोर्ट पाकिस्तान के जियो न्यूज ने छापी है.
रिपोर्ट के मुताबक इस साल की शुरुआत में पाकिस्तान के सांसदों के वेतन में बढ़ोतरी की गई थी. इसके बाद 21 मार्च को केंद्रीय कैबिनेट ने भी अध्यादेश लाकर अपने सदस्यों के वेतन और भत्तों में बड़ी वृद्धि को मंजूरी दे दी. केंद्रीय मंत्री और राज्य मंत्री (भत्ते और वेतन) अधिनियम, 1975 में संशोधन को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है.
फरवरी में, जब संसद ने बहुमत से संसद सदस्य वेतन और भत्ता (संशोधन) विधेयक 2025 पारित किया थी. इससे सांसदों को वेतन 138% बढ़ गया. विधेयक में सांसदों का वेतन 218,000 रुपये से बढ़ाकर 519,000 रुपये करने का प्रस्ताव है. खास बात है कि इस काम के लिए सभी पार्टियां एक हो जाती हैं, कोई विरोध नहीं करता है. सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की विधायक रोमिना खुर्शीद आलम ने विधेयक पेश किया, लेकिन न तो विपक्ष और न ही ट्रेजरी सांसदों ने वेतन में भारी वृद्धि पर कोई आपत्ति जताई. 26 जनवरी को, नेशनल असेंबली की वित्त समिति ने नेशनल असेंबली के अध्यक्ष अयाज सादिक की अध्यक्षता में एक बैठक में विधेयक को मंजूरी दी.
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