पाकिस्तान में राष्ट्रमंडल चुनाव पर्यवेक्षकों के मिशन ने शनिवार को कहा कि कुछ घटनाओं को छोड़कर चुनाव प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न हुई. मिशन के प्रमुख जोनाथन गुडलक ने इस्लामाबाद में राष्ट्रमंडल पर्यवेक्षक समूह (सीओजी) के प्रारंभिक निष्कर्ष सौंपे. उन्होंने कहा कि प्रारंभिक निष्कर्ष छोड़कर पाकिस्तान में आम चुनाव की प्रक्रिया सुचारु रूप से संपन्न हुई.
बता दें कि पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव के लिए मतदान हुआ था लेकिन इस दौरान देश के कई हिस्सों में जमकर हिंसा भी हुई. गुरुवार को आम चुनावों के लिए हुए मतदान के दौरान लगभग 51 आतंकवादी हमले हुए और इन हमलों में कम से कम 12 लोगों की मौत भी हुई थी, जब्कि अन्य 39 लोग घायल हो गए थे. इनमें से अधिकतर हमले केपी और बलूचिस्तान में हुए थे.
पाकिस्तान स्थित दैनिक ने सेना की मीडिया विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के हवाले से बताया, "51 कायरतापूर्ण आतंकवादी हमलों के बावजूद, चुनाव शांतिपूर्ण रहा. इन हमलों का उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया को बाधित करना था, लेकिन सैनिक डटे रहे और पूरे पाकिस्तान में प्रभावी ढंग से सुरक्षा और शांति सुनिश्चित की''.
5 आतंकियों को किया गया ढेर
रिपोर्ट के मुताबिक, एक्टिव खूफिया फोर्स और त्वरित कार्रवाई से कई संभावित खतरों को बेअसर किया गया. चुनाव के दौरान चलाए गए विभिन्न ऑपरेशन में 5 आतंकियों को भी ढेर किया गया. एक बयान में, आईएसपीआर ने कहा कि इन हमलों में सुरक्षा बलों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के 10 कर्मियों सहित 12 लोग मारे गए और 39 अन्य घायल हो गए.
पाक चुनाव में 1,37,000 सैनिकों ने संभाला था मोर्चा
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पाकिस्तान के 6,000 संवेदनशील मतदान केंद्रों पर 1,37,000 जवानों और सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था ताकि चुनाव प्रक्रिया को सुचारू रूप से पूरा किया जा सके. वहीं इलाकों में हिंसा को रोकने के लिए 7,800 से अधिक क्विक रिस्पॉन्स टीम भी जमीनी स्तर पर मौजूद थीं. आईएसपीआर ने कहा, "सशस्त्र बलों के साथ-साथ अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सुरक्षित चुनावी प्रक्रिया के संचालन के दौरान सुरक्षा प्रदान करने, नागरिक शक्ति की सहायता करने और पाकिस्तान के संविधान के अनुसार महत्वपूर्ण भूमिका निभाने पर गर्व है."
कई इलाकों में महिलाओं को वोट देने की नहीं मिली स्वतंत्रता...
पाकिस्तान में मतदान के दिन हिंसा और इंटरनेट सेवाएं बंद रखने की प्रमुख राजनीतिक दलों ने कड़ी आलोचना की थी. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने देश भर में मोबाइल फोन सेवाओं की तत्काल बहाली की मांग की थी. वहीं एआरवाई न्यूज के मुताबिक गुरुवार को स्वाबी जिले के एनए-20 गांव में महिला मतदाताओं पर वोट डालने से पूरी तरह स प्रतिबंध लगा दिया गया था. वहीं स्वाबी जिले के अदीना गांव में भी स्थानीय लोगों ने कथित तौर पर महिलाओं को वोट देने के अधिकार के इस्तेमाल से रोक दिया था.
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