पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने कहा कि हम भारत से आए तीर्थयात्रियों से मिलने गए थे, पर हमें नहीं मिलने दिया गया.
नई दिल्ली:
पाकिस्तान ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय कानून को धता बताया है. उसने पाकिस्तान पहुंचे भारतीय तीर्थयात्रियों से भारतीय उच्चायुक्त को नहीं मिलने दिया. जबकि उच्चायुक्त के पास सिखों के पवित्र तीर्थस्थल पंजा साहिब में तीर्थयात्रियों से मुलाक़ात की इजाज़त थी. इसके बावजूद उच्चायुक्त को उनसे मिलने से रोक दिया गया. भारत ने इस मामले में पाकिस्तान से कड़ा विरोध जताया है, लेकिन पाकिस्तान इस मामले को कुछ और रंग देने में लगा है. पाकिस्तान गए भारतीय तीर्थयात्रियों से भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया की मुलाक़ात रोके जाने का मामला भारत और पाकिस्तान के रिश्ते में एक और झटका है. पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने कहा कि हमें वजह नहीं पता हम भारत से आए तीर्थयात्रियों से मिलने गए थे. ये उच्चायुक्त या किसी भी राजनियक की सामान्य ज़िम्मेदारी है. पर हमें नहीं मिलने दिया गया. ये दुर्भाग्यपूर्ण है.
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उन्होंने कहा कि हमने इस मुद्दे को हर स्तर पर उठाया है. उम्मीद है इस तरह की बात फिर नहीं होगी. दूसरी तरफ, पाकिस्तान इस मुलाक़ात के न होने की वजह तीर्थयात्रियों के कथित तौर पर प्रदर्शन को बता रहा है. ज़ाहिर है अंतराष्ट्रीय मापदंड पर खरा उतरने में नाक़ाम रहने के बाद पाकिस्तान इसे अलग रंगत देने की कोशिशों में जुटा है. पाकिस्तान ने कहा कि राजनयिक भारत में विवादास्पद फिल्मों को प्रदर्शित किये जाने के खिलाफ सिख तीर्थयात्रियों के प्रदर्शन के मद्देनजर अपनी यात्रा रद्द करने के लिये सहमत हो गए थे. भारत ने कल नई दिल्ली में पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त सैयद हैदर शाह को तलब किया था और इस्लामाबाद में तैनात अपने उच्चायुक्त और वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों के गुरुद्वारा पंजा साहिब जाने और भारतीय तीर्थयात्रियों से मिलने की अनुमति नहीं देने पर कड़ा विरोध दर्ज कराया था.
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पाकिस्तानी पक्ष को बताया गया कि भारतीय उच्चायोग के अधिकारी को वाणिज्य दूतावास की जिम्मेदारियों का निर्वहन करने से रोकना राजनयिक संबंधों पर 1961 की वियना संधि और धार्मिक स्थलों की यात्रा पर द्विपक्षीय प्रोटोकॉल का उल्लंघन है. गौरतलब है कि सीमा पर पाकिस्तान की तरफ से लगातार सीज़फायर उल्लंघन और कश्मीर में आतंकी हमलों के बीच भारत और पाकिस्तान के रिश्ते काफी ख़राब दौर से गुज़र रहे हैं. दो महीने पहले तो दोनों देशों ने एक दूसरे पर अपने राजनियकों से बदसलूकी और उनको काम न करने देने का आरोप भी लगाया. फिर समझौता हुआ कि 1992 की सहमति के हिसाब से एक दूसरे के राजनयिक कामों में दखल नहीं दिया जाएगा. इसके बावजूद फिर पाकिस्तान की तरफ से ऐसा किया गया है.
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उन्होंने कहा कि हमने इस मुद्दे को हर स्तर पर उठाया है. उम्मीद है इस तरह की बात फिर नहीं होगी. दूसरी तरफ, पाकिस्तान इस मुलाक़ात के न होने की वजह तीर्थयात्रियों के कथित तौर पर प्रदर्शन को बता रहा है. ज़ाहिर है अंतराष्ट्रीय मापदंड पर खरा उतरने में नाक़ाम रहने के बाद पाकिस्तान इसे अलग रंगत देने की कोशिशों में जुटा है. पाकिस्तान ने कहा कि राजनयिक भारत में विवादास्पद फिल्मों को प्रदर्शित किये जाने के खिलाफ सिख तीर्थयात्रियों के प्रदर्शन के मद्देनजर अपनी यात्रा रद्द करने के लिये सहमत हो गए थे. भारत ने कल नई दिल्ली में पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त सैयद हैदर शाह को तलब किया था और इस्लामाबाद में तैनात अपने उच्चायुक्त और वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों के गुरुद्वारा पंजा साहिब जाने और भारतीय तीर्थयात्रियों से मिलने की अनुमति नहीं देने पर कड़ा विरोध दर्ज कराया था.
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पाकिस्तानी पक्ष को बताया गया कि भारतीय उच्चायोग के अधिकारी को वाणिज्य दूतावास की जिम्मेदारियों का निर्वहन करने से रोकना राजनयिक संबंधों पर 1961 की वियना संधि और धार्मिक स्थलों की यात्रा पर द्विपक्षीय प्रोटोकॉल का उल्लंघन है. गौरतलब है कि सीमा पर पाकिस्तान की तरफ से लगातार सीज़फायर उल्लंघन और कश्मीर में आतंकी हमलों के बीच भारत और पाकिस्तान के रिश्ते काफी ख़राब दौर से गुज़र रहे हैं. दो महीने पहले तो दोनों देशों ने एक दूसरे पर अपने राजनियकों से बदसलूकी और उनको काम न करने देने का आरोप भी लगाया. फिर समझौता हुआ कि 1992 की सहमति के हिसाब से एक दूसरे के राजनयिक कामों में दखल नहीं दिया जाएगा. इसके बावजूद फिर पाकिस्तान की तरफ से ऐसा किया गया है.
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