पाकिस्तान में दो लोगों को ईशनिंदापूर्ण लिखित संदेश भेजने पर एक ईसाई दंपति को मौत की सजा सुनाई गई। पूर्वी पाकिस्तान की एक अदालत ने शफकत मसीह और उनकी पत्नी शगुफ्ता मसीह पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमीर हबीब ने पंजाब के तोबा तेक सिंह जिले के गोजरा के रहने वाले दंपति को शुक्रवार को सजा सुनाई। यह फैसला जिला जेल में सुनाया गया, जहां सुरक्षा कारणों से आठ महीने से सुनवाई चल रही थी।
मौलवी मलिक मुहम्मद हुसैन और गोजरा तहसील बार के पूर्व अध्यक्ष अनवर मंसूर गोराया की शिकायत पर शफकत (44) और उनकी पत्नी शगुफ्ता के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में कहा गया कि दंपति ने पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने वाला ईशनिंदापूर्ण लिखित संदेश भेजा। दंपति को पिछले साल 25 जुलाई को गिरफ्तर किया गया था।
दंपति के वकील नदीम हसन ने कहा, शफकत ने यातनाओं के भय से पुलिस के सामने मुस्लिमों को आपत्तिजनक संदेश भेजने की बात कबूल की, लेकिन उन्होंने तथा उनकी पत्नी ने अदालत में आरोपों से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि निजी दुश्मनी के कारण दंपति को फंसाया गया है। दंपति हाईकोर्ट में इस फैसले को चुनौती देगा।
गोजरा में ईसाइयों के खिलाफ हिंसा का इतिहास रहा है। गोजरा की एक ईसाई युवती को देश छोड़कर ब्रिटेन जाना पड़ा था, क्योंकि एक स्थानीय मौलवी ने उस पर पिछले साल ईशनिंदापूर्ण संदेश भेजने का आरोप लगाया था।
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