इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने चीन में आयोजित 'बोआओ फोरम फॉर एशिया' को सम्बोधित करते हुए कहा है कि उनका देश भारत सहित अन्य देशों के साथ अपने अंतर्राष्ट्रीय सम्बंध सुधारने में जुटा हुआ है। यह तीन दिवसीय आयोजन चीन में हेनान प्रांत के बोआओ शहर में हो रहा है।
सोमवार को प्रकाशित एक रपट के अनुसार, इस आयोजन में गिलानी के अलावा, इटली के प्रधानमंत्री मारियो मोंटी, कजाकिस्तान के प्रधानमंत्री करीम मसिमोव, ईरान के उपराष्ट्रपति मोहम्मद जावाद मोहम्मदीजादेह, थाईलैंड के उप प्रधानमंत्री किट्टिरट ना-रानोंग और वियतनाम के उपप्रधानमंत्री होआंग त्रुंग हई हिस्सा ले रहे हैं।
गिलानी ने कहा कि पाकिस्तान, भारत सहित अपने अन्य देशों से अपने सम्बंधों में सुधार लाने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने देश की आर्थिक दशा सुधारने में क्षेत्रीय सहयोग के महत्व पर जोर दिया। गिलानी ने आगे कहा कि एक नया लोकतंत्र होने के नाते देश के सामने कई चुनौतिया हैं, जिसके कारण सरकार को महत्वपूर्ण निर्णय लेने हैं।
चाइना रेडियो इंटरनेशनल के साथ रविवार को एक साक्षात्कार में गिलानी ने कहा कि ड्रोन हमलों ने पाकिस्तान और अमेरिका के बीच गलतफमी पैदा कर दी है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सम्बंध, संसद की सिफारिशों के आधार पर तय होंगे और ये सम्बंध आपसी सम्मान व हित पर आधारित होंगे। गिलानी ने कहा कि एशियाई देश ऊर्जा, संस्कृति, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और शिक्षा के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा सकते हैं और उसे गहरा बना सकते हैं।
सोमवार को प्रकाशित एक रपट के अनुसार, इस आयोजन में गिलानी के अलावा, इटली के प्रधानमंत्री मारियो मोंटी, कजाकिस्तान के प्रधानमंत्री करीम मसिमोव, ईरान के उपराष्ट्रपति मोहम्मद जावाद मोहम्मदीजादेह, थाईलैंड के उप प्रधानमंत्री किट्टिरट ना-रानोंग और वियतनाम के उपप्रधानमंत्री होआंग त्रुंग हई हिस्सा ले रहे हैं।
गिलानी ने कहा कि पाकिस्तान, भारत सहित अपने अन्य देशों से अपने सम्बंधों में सुधार लाने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने देश की आर्थिक दशा सुधारने में क्षेत्रीय सहयोग के महत्व पर जोर दिया। गिलानी ने आगे कहा कि एक नया लोकतंत्र होने के नाते देश के सामने कई चुनौतिया हैं, जिसके कारण सरकार को महत्वपूर्ण निर्णय लेने हैं।
चाइना रेडियो इंटरनेशनल के साथ रविवार को एक साक्षात्कार में गिलानी ने कहा कि ड्रोन हमलों ने पाकिस्तान और अमेरिका के बीच गलतफमी पैदा कर दी है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सम्बंध, संसद की सिफारिशों के आधार पर तय होंगे और ये सम्बंध आपसी सम्मान व हित पर आधारित होंगे। गिलानी ने कहा कि एशियाई देश ऊर्जा, संस्कृति, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और शिक्षा के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा सकते हैं और उसे गहरा बना सकते हैं।
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