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पाकिस्तान ने अब अपनी ही जनता पर किया हवाई हमला, JF-17 फाइटर जेट से गिराए बम- 30 नागरिकों की मौत 

Pakistan Attack Khyber Pakhtunkhwa: रात के 2 बजे पाकिस्तानी वायुसेना ने तिराह घाटी स्थित गांव पर कम से कम 8 एलएस-6 बम गिराने के लिए जेएफ-17 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया.

पाकिस्तान ने अब अपनी ही जनता पर किया हवाई हमला, JF-17 फाइटर जेट से गिराए बम- 30 नागरिकों की मौत 
पाकिस्तान ने खैबर पख्तूनख्वा में नरसंहार किया
  • पाकिस्तान की वायुसेना ने खैबर पख्तूनख्वा के मत्रे दारा गांव में हवाई हमला कर 30 नागरिकों को मौत के घाट उतारा
  • हमला रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात करीब दो बजे जेएफ-17 लड़ाकू विमानों से किया गया था
  • पाकिस्तानी वायुसेना ने तिराह घाटी में कम से कम आठ एलएस-6 बम गिराकर पांच घरों को निशाना बनाया
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क्या आपने किसी ऐसे देश के बारे में सुना है जो न सिर्फ अपनी ही जमीन पर हवाई हमला करे बल्कि उसमें बड़े पैमाने पर आम नागरिकों को मौत के घाट भी उतार दे? आतंकवाद की फसल बोने और काटने वाले पाकिस्तान ने अब ठीक ऐसा ही किया है. भारत के ऑपरेशन सिंदूर में मात खाए पाकिस्तान ने खैबर पख्तूनख्वा में नरसंहार किया है. पाकिस्तान की वायुसेना ने खैबर पख्तूनख्वा में हवाई हमला करके 30 नागरिकों को मार दिया है. खैबर पख्तूनख्वा का मत्रे दारा गांव इस हवाई हमले के बाद महिलाओं और बच्चों के शवों से भर गया है.

मिली जानकारी के मुताबिक रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात करीब 2 बजे पाकिस्तानी वायुसेना ने तिराह घाटी स्थित गांव पर कम से कम 8 एलएस-6 बम गिराने के लिए जेएफ-17 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया. पाकिस्तान वायुसेना ने यहां 5 घरों को निशाना बनाया था. इस हमले में 20 लोग भी घायल हो गए हैं.

घटना स्थल की विचलित करने वाली तस्वीरें और वीडियो में बच्चों सहित कई शव पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं. बचाव दल मलबे के नीचे शवों की तलाश में लगे हुए हैं, जिससे मरने वालों की संख्या और बढ़ने की आशंका बढ़ गई है.

फिलहाल पाकिस्तानी सेना या सरकारी सूत्रों की ओर से इस हमले के पैमाने, लक्ष्य या गांव में किसी आतंकी की मौजूदगी को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. हालांकि, पाक आर्मी समर्थक सोशल मीडिया अकाउंट्स इसे स्थानीय लोगों द्वारा रखे गए IEDs की वजह से हुआ “सेकेंडरी विस्फोट” बता रहे हैं. पाकिस्तान सेना की आधिकारिक चुप्पी अपने ही नागरिकों के खिलाफ की गई पहले की कार्रवाइयों (चाहे वह खैबर पख्तूख्वा में हों या पाकिस्तान-अधिकृत बलूचिस्तान में) के अनुरूप ही है.

अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने इन आरोपों की व्यापक जांच की मांग की है और संघर्ष के कानूनों का पालन करने, नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा किसी भी उल्लंघन के लिए जवाबदेही तय करने पर जोर दिया है.

गौरतलब है कि पाकिस्तान ने खैबर पख्तूनख्वा में अतीत में कई आतंकवाद विरोधी अभियान चलाए गए हैं, और इस क्षेत्र से कई नागरिकों की मौत की खबरें आई हैं. खैबर पख्तूनख्वा की पुलिस के मुताबिक, इस साल जनवरी से अगस्त के बीच प्रांत में 605 आतंकी घटनाएं हुई हैं, जिनमें कम से कम 138 नागरिक और 79 पाकिस्तानी पुलिसकर्मी मारे गए. अकेले अगस्त में 129 घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें छह पाकिस्तानी सेना और अर्धसैनिक संघीय कांस्टेबुलरी कर्मियों की हत्या भी शामिल है.

खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने बनाया नया अड्डा

भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था. इसने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ प्रमुख आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया और उन्हें नष्ट कर दिया गया. अब खबर है कि जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) जैसे आतंकवादी संगठन अफगान सीमा के पास खैबर पख्तूनख्वा के अंदर नए ठिकाने बना रहे हैं. यह पहाड़ी इलाका है, यह अफगानिस्तान की सीमा से जुड़ा हुआ है और इस वजह से इसे आतंकी छिपने के लिए अच्छी जगह के रूप में देख रहे हैं. कई क्षेत्रों में अभी भी 1980 के दशक के सोवियत विरोधी अफगान युद्ध के दौरान और 9/11 के हमलों के बाद अफगानिस्तान पर अमेरिकी आक्रमण के दौरान बनाए गए ठिकाने मौजूद हैं.

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