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भारत ने बुधवार को आशा जाहिर की कि मुम्बई हमले के दोषी अजमल आमिर कसाब के मृत्युदंड को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बरकरार रखे जाने के फैसले पर पाकिस्तान गौर करेगा।
विदेशमंत्री एसएम कृष्णा ने संवाददाताओं से कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का फैसला देश का कानून है। कृष्णा इस समय गुटनिरपेक्ष आंदोलन (नाम) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए ईरान की राजधानी तेहरान में हैं।
कृष्णा की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब एक दिन बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से मुलाकात करने वाले हैं।
कृष्णा ने कहा कि आतंकवाद दुनिया के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान द्विपक्षीय सम्बंधों पर चर्चा करेंगे। उन्होंने संकेत दिया कि मनमोहन और जरदारी के बीच मुलाकात के दौरान आतंकवाद एजेंडे में शामिल होगा।
कृष्णा ने कहा, "सर्वोच्च न्यायालय देश में अपील करने का सबसे ऊंचा न्यायालय है। जब यह कोई घोषणा करता है, तो वह देश का कानून बन जाता है।"
कृष्णा ने कहा, "मुझे भरोसा है कि भारतीय सर्वोच्च न्यायालय में जो हुआ है, पाकिस्तान उसे अनदेखा नहीं करेगा।" कृष्णा ने कहा कि पाकिस्तान की न्यायपालिका भी सक्रिय है।
मनमोहन सिंह, नाम (NAM) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने मंगलवार को तेहरान पहुंचे। एक भारतीय अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान के लिए भारत का संदेश होगा कि "बातचीत बहुत हो चुकी, आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई कीजिए, हमने आपको सबूत दिए हैं।"
अधिकारी ने कहा, "आतंकवाद का मुद्दा बातचीत से नहीं सुलझाया जा सकता। पाकिस्तान को काम करना होगा। आतंकवाद हमें किसी भी हाल में निशाना न बना सके, इसके लिए हमें काम करना होगा।"
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